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Shweta Sharma

Drama

4.0  

Shweta Sharma

Drama

एक अंजाम

एक अंजाम

12 mins
435


आरोही दिल्ली से लखनऊ अपने घर बस से आ रही होती है, वो दिल्ली में एक अच्छी कंपनी में जॉब कर रही है , रास्ते में वह आकाश, उसका होने वाला पति और अपने दोनों के आने वाले एक सुंदर भविष्य के बारे में सोच रही होती है; आरोही बहुत खुश है, क्यूंकि उसका बॉयफ्रेंड ही उसका पति बनने वाला है, पर अचानक शाम के लगभग सात बजे बस का एक्सिडेंट हो जाता है, कई लोग मर जाते हैं और कई घायल हो जाते हैं; रास्ते में चलते लोग पुलिस और एम्बुलेंस को फोन कर देते हैं, पर अभी पुलिस और एम्बुलेंस आने में टाइम है, तभी आरोही उसमें से थोड़ी घायल होकर निकलती है और तभी वहां से आरोही के ऑफिस के चार सीनियर्स निकल रहे होते हैं, आरोही उन्हें देख कर आवाज़ लगाती है और उनसे हॉस्पिटल तक पहुंचाने के लिए कहती है, वो लोग उसे अपनी कार में बैठा लेते हैं।

उन चार सीनियर्स में एक का नाम नितिन, दूसरा कपिल तीसरा मेहुल और आखिर में समर होता है, समर ड्राइविंग कर रहा होता है और मेहुल ड्राइविंग सीट की सेकंड सीट पर बैठा होता है और नितिन और कपिल पीछे होते हैं तभी नितिन आरोही से कहता है" थैंक गॉड आरोही, तुम्हे ज्यादा चोट नहीं आई, बस सर पर थोड़ा खून बह रहा है, मैं तुम्हारे सर पर रुमाल बांध देता हूं, खून रुक जाएगा।"

"हां यार, ज्यादा चोट नहीं है आरोही को, सर के अलावा कहीं और तो नहीं लगी तुम्हें?" कपिल ने पूछा।

"नहीं, बस सर पर ही लगी है, मुझे नहीं लगता की हॉस्पिटल जाने की भी जरूरत है, आप लोग तो लखनऊ होते हुए ही जाओगे ना, मुझे छोड़ देना।" आरोही ने कहा।

"पर, एक बार हॉस्पिटल में दिखा लो, क्या पता कोई चोट हो जो हमें नहीं पता हो।" कपिल ने कहा।

"नहीं, नहीं मैं ठीक हूं; मैं अब बस घर जाना चाहती हूं, बस रास्ते से कोई मेडिकल शॉप दिखे तो, एक दो पैनकिलर ले लेना; क्यूंकि सर में दर्द हो रहा है और हाथ पैर में भी दर्द हो रहा है।" आरोही ने बोला।

" ओके।" कपिल बोला।"

रास्ते के एक मेडिकल शॉप पर गाड़ी रोककर चारों नीचे उतरते हैं, आरोही सो रही होती है और वो चारों जाकर मेडिसिन लेते हैं और पास की दुकान से कुछ खाने पीने का सामान भी और वापस कार में बैठकर चल देते हैं, इस बार कपिल ड्राइविंग करता है और समर पीछे आकर बैठ जाता है और अपने दोस्तों से कहता है" कितना प्यार करता हूं मैं आरोही से, पर यहां तो इसका पहले से ही बॉयफ्रेंड है और सात महीने बाद इसकी शादी है उसी से, मेरा तो दिल ही टूट गया था; जब प्रपोज के वक़्त आरोही ने मुझे अपनी शादी के बारे में बताया।"

"तो अभी कौन सी देर हुई है।" एक गन्दी से मुस्कुराहट के साथ नितिन बोला।

"मतलब ?" समर ने पूछा।

"अभी तो ये हमारे बीच ही है, शादी ना सही, तो एक रात ही बीता ले।" हंसते हुए नितिन बोला।

" और साथ में हमारे भी मज़े करवा दे।"मेहुल हंसते हुए बोला।

"अरे! पर यार इसने किसी को कुछ बता दिया तो?" समर ने पूछा।

"अरे, नहीं बताएगी; क्यूंकि एक तो इसकी शादी होने वाली है, शादी ना टूटे; इसलिए नहीं बताएगी और हम इसे इतना डराएंगे, की कुछ करने की हिम्मत नहीं करेगी और ये गरीब फैमिली से भी है, ज्यादा कुछ नहीं कर पाएगी और साथ ही अगर बता भी दिया, तो मेरे अंकल सब संभाल लेंगे; तुम तो जानते ही हो उनको।" मेहुल ने समझाते हुए कहा।

" अरे, कपिल तू तो कुछ बोल; तुझे नहीं लेने मज़े?" हंसते हुए नितिन ने पूछा।

"यार, बेचारी ने हम पर भरोसा किया और हमसे मदद मांगी और हम ऐसा करेंगे उसके साथ; ये गलत बात है ऐसा तो मैं ना कहने वाला, मज़े लेने तो बनते हैं।" जोर से हंसते हुए कपिल बोला।

" यार, तूने तो हमें डरा ही दिया; हमें लगा, तू मना करने वाला है।" मेहुल बोला।

" अरे, नहीं भाई; मना क्यों करूंगा।"कपिल बोला।

"इसे बस होश में आने दे, फिर जो चाहे वो करेंगे।" नितिन बोला।

"अरे नहीं, नहीं यहां नहीं; ऐसी गलती मत करना; पुलिस घूमती रहती है, कहीं ऐसा ना हो उन्हें कुछ शक हो जाए।" कपिल ने मना करते हुए कहा।

"तो फिर कहां ?" मेहुल ने पूछा।

" लगभग एक घंटे के बाद एक खाली खंडहर सा आता है, एक बार हमनें वहां बैठकर चाय पी थी, याद है?"कपिल बोला।

"हां, हां याद है पिछले साल।" नितिन याद करते हुए बोला।

" हां, तो वहीं चलते हैं, वहां आस पास कोई नहीं होगा।"कपिल बोला।

" अरे, कार में भी कोई परेशानी नहीं है, इतनी रात में कोई नहीं देख रहा, तू डरता भी ज्यादा है।" समर ने बोला।

" यार, तो खंडहर में क्या परेशानी है तुझे?" कपिल ने पूछा।

" अरे, छोड़ो, छोड़ो बहस मत करो; खंडहर ही चलते हैं।" कार में चलते चलते भी थक गए है, थोड़ा आराम हो जाएगा।" मेहुल बोला।

अचानक आरोही की नींद खुलने लगती है और वो उठ जाती है और पूछती है" कहां पर है हम?"

"अभी लखनऊ पहुंचने में समय है डियर और तुम मेडिसिन ले लो, पैन होगा अभी भी?।" कपिल ने पूछा।

" हां, पैन तो है।" आरोही कहती है और मेडिसिन ले लेती है।

" यार, आरोही; जिससे तुम शादी करने वाली हो, उसमें ऐसा क्या है; जो मुझ में नहीं है, मैं तुम्हें बहुत खुश रखूंगा; उसे जाने दो, मुझसे शादी कर लो।" समर ने कहा।

"ये तुम क्या कह रहे हो ?, मैं तुम्हें पहले भी कह चुकी हूं, की मैं आकाश से प्यार करती हूं, शादी करने वाली हूं; तो इन सब बातों का क्या मतलब?" थोड़े गुस्से में आरोही बोली।

"ठीक है, शादी नहीं कर सकती तो, एक रात तो बीता ही सकती हो मेरे साथ ओह सॉरी हमारे साथ, फिर चाहे जिससे मर्ज़ी शादी करना।" हंसते हुए समर बोला।

" आर यू लॉस्ट यूओर माइंड?" तुमने सोचा भी कैसे ऐसा।" गुस्से में चीखते हुए आरोही बोली।

"चिल्लाओ मत, चिल्लाने से कुछ नहीं होगा और कहते हुए समर उसके पास आने लगता है, तभी आरोही थप्पड़ लगा देती है समर को और फिर समर कहता है" तेरी इतनी औकात, जो तूने मुझे थप्पड़ मारा।" गुस्से में चीखता हुआ समर बोला।

" बचाओ ! बचाओ प्लीज कोई बचाओ।" आरोही चिल्लाने लगती है।

" अरे पहले इसका मुंह बंद करो, अगर गलती से भी किसी ने सुन लिया, तो फंस जाएंगे हम।" मेहुल बोला।

"बचाओ! बचाओ, प्लीज़ ह......।" आगे आरोही नहीं बोल पाती, क्यूंकि नितिन उसका मुंह दबा देता है और बोलता है" अरे! चुप भी हो जा अब, कितना बचाओ! बचाओ करेगी।" हंसते हुए नितिन बोला।

"बस खंडहर आने ही वाला है, तब तक इसे ऐसे ही चुप रखो, नहीं तो पागल कर देगी।" मेहुल ने कहा।

अचानक आरोही का फोन बजने लगता है, फोन उसके मंगेतर आकाश का होता है, समर कहता है" तेरे आकाश का फोन आ रहा है, ले बात कर ले; ओह सॉरी तू कैसे बोल पाएगी, चल मैं ही बात कर लेता हूं; थोड़ा टाइम पास हो जाएगा और फोन पर कहता है" हैलो, जी बोलिए।"

पर, बात करते करते समर के चेहरे के रंग उड़ने लगते हैं और वो घबराने लगता है, और उसके हाथ से फोन गिर जाता है, सांस लेने में परेशानी होने लगती है, आकाश हैलो हैलो करता रह जाता है, सारे दोस्त हैरान हो जाते हैं; पर समर अभी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है, आकाश का दोबारा फोन आता है और नितिन फोन उठाता है और आकाश से उसकी जब बात होती है, तो बात करते करते उसकी हालत भी खराब होने लगती है और वो सलोनी के मुंह से हाथ हटा देता है और वो खुद को संभालते हुए डरते हुए कहता है" ओके, पर अभी तो हम बहुत आगे निकल आए हैं, पर डोंट वरी; हम जल्द ही आपकी अमानत आप तक पहुंचा देंगे, अब फोन रखता हूं।" नितिन ने जवाब दिया।

उसके फोन रखते ही मेहुल ने पूछा "ये समर और तू इतने डरे हुए क्यों हो ?"

" ये, ये आरोही, वो, वो।" डरते हुए और हकलाते हुए नितिन बोला।

"अरे, क्या आरोही; हुआ क्या है तुम्हें और समर के मुंह से तो आवाज़ ही नहीं निकल रही है, बता तो क्या हुआ?" कपिल ने पूछा।

"ये आरोही, आरोही नहीं है।" नितिन बोला।

"क्या बकवास है?, तो कौन है फिर, सोनाक्षी सिन्हा?" हंसते हुए मेहुल बोला।

" ये आरोही नहीं, बल्कि आरोही की आत्मा है, आरोही तो उस बस एक्सिडेंट में मर चुकी है वहीं पर ही।" नितिन ने डरते हुए बताया

"क्या ? तू पागल हो गया है, क्या?" कपिल ने कहा।

" नहीं, मैं सच कह रहा हूं, आकाश कह रहा था; की आरोही की बॉडी मिल चुकी है, उसकी बॉडी हॉस्पिटल में है, पर आरोही का फोन नहीं मिला था; पहले जब आकाश ने फोन किया, तो स्विच ऑफ जा रहा था, पर अब उसका फोन लग गया है, उसका कहना है; की आरोही के फोन में उनकी काफी अच्छी अच्छी यादें है; इसलिए वो चाहता है, की फोन उसे लौटा दिया जाए।" नितिन बोला।

सब डर से कांप रहे होते हैं, कार खुद से ड्राइव हो रही थी, मेहुल पूछता है" आरोही, तुम ज़िंदा हो ना?, ये नितिन मजाक कर रहा है ना?, पर ये कार खुद कैसे चल रही है, कपिल तेरा कोई मजाक है ना ये ?"

" नहीं, ये मजाक नहीं कर रहा है; एम नॉट अलाइव, मैं तो उसी वक़्त मर चुकी थी, जब एक्सिडेंट हुआ; पर पता नहीं मुझे एहसास नहीं हुआ, की मैं मर चुकी हूं; इसलिए जब तुम लोगों को देखा, तो तुमसे मदद मांग ली, जब तुम मेडिसिन लेने उतरे, तो मेरी आंखें खुली; और जब मेरा ध्यान गया, की मेरी धड़कन तो चल ही नहीं रही और ना सांसें चल रही है, मैं समझ गई; मैं ज़िंदा नहीं हूं, फिर सोचा तुम लोगों को बताऊंगी, तो तुम लोग डर जाओगे, इसलिए चुप रही; पर तुम लोगों की बेशर्मी देखो, एक्सिडेंट हुई लड़की के साथ तुम अपने मजे के प्लान बना रहे थे, जरा भी शर्म नहीं आई; तुम लोगों को, तुम जैसे लोगों को हर लड़की एक मौके की तरह दिखती है, अगर हर लड़की को एक जिम्मेदारी की तरह देखते हुए उसकी मदद करो, तो कभी कोई लड़की गलत का शिकार नहीं होगी, लेकिन नहीं; तुम्हारे तो कुछ और ही प्लान थे, अच्छा हुआ कि मेरी जगह कोई ज़िंदा लड़की नहीं थी, नहीं तो तुम अभी मज़े कर रहे होते, धिक्कार है तुम लोगों पर, सबके घरों में लड़कियां होती है, फिर भी तुम जैसे लोगों को अक्ल नहीं आती है।" आरोही की आत्मा बोली।

"हमें माफ़ कर दो, आरोही, हम सब बहक गए थे; हमसे गलती हो गई, आगे से ऐसा नहीं करेंगे।" कपिल बोला।

"ओह बहक गए थे, लड़कों के लिए हमेशा यही कह दिया जाता है, लड़के हैं बहक गए होंगे; पर तुम्हारे बहकने के चक्कर में लड़कियां कितनी पाबंदियों में रहती है और तो और कुछ लड़कियां रेप के बाद सुसाइड कर लेती है और कई तो डिप्रेशन में हमेशा के लिए चली जाती है, कितनों के सपनें टूट कर बिखर जाते हैं और लोगों के घर बिखर जाते हैं, ऐसा भी क्या बहकना।" आरोही ने गुस्से में कहा।

"प्लीज हमें कुछ मत करना, प्लीज़ हमें जाने दो; समर कुछ बोलना तू आरोही को, समझा इसे।" मेहुल रोते हुए बोला।

डरते हुए बहुत मुश्किल से समर बोला" आरोही, अब ऐसी गलती नहीं होगी हमसे, हम सब की फैमिली है; हमें कुछ हो गया, तो सोचो, उन पर क्या बीतेगी?"

 "ओह! फैमिली तो बस तुम्हारी होती है ना, लड़कियों की तो कोई फैमिली नहीं होती; मेरी तो जैसे कोई फैमिली नहीं है, सब सुन रही थी मैं तुम्हारे प्लान, तुम्हें लगा मैं सो रही हूं, कितने आराम से कह दिया की मैं गरीब घर की है, या फिर इसे डराएंगे, कुछ नहीं बोलेगी और ये भी कहा, की मेरे अंकल सब संभाल लेंगे, कहां है अब तुम्हारे अंकल; फोन करो ना उन्हें।" आरोही बोली।

गाड़ी अपनी तेज रफ्तार में भागी जा रही है, आरोही बोलती है" फोन करो आकाश को और वहीं बुलाओ, जहां एक्सिडेंट हुआ था, वो अभी वहीं आस पास के हॉस्पिटल में है, जल्दी आ जाएगा।"

" पर, क्यों ? समर ने पूछा।

" उसकी अमानत उस तक पहुंचाने के लिए, मतलब मेरा फोन उस तक पहुंचाने के लिए।" आरोही बोली।

नितिन आरोही का फोन देखता है, पर उसे कहीं नहीं मिलता, आरोही बोलती है" अपने फोन से फोन करो, आकाश का नंबर तुम्हें मिल जाएगा, जल्दी मिलाओ नंबर उसे।" आरोही बोली।

समर, आकाश को फोन लगा कर हादसे वाली जगह आने को कहता है और अचानक कार तेज रफ्तार से चलने लगती है, सब बहुत डर जाते हैं।

"प्लीज़, आरोही ये क्या कर रही हो?" डरते हुए कपिल बोला।

"प्लीज़ इतनी तेज नहीं, बहुत डर लग रहा है।" नितिन बोला।

और अचानक कार हादसे वाली जगह पर आकर रुकती है और आरोही सबको बाहर निकालकर रोड के नीचे साइड में जाने को कहती है, जहां उसका मोबाइल गिरा होता है, समर मोबाइल को उठा लेता है और तभी आकाश आ जाता है और नितिन से पूछता है" आप समर हो क्या?"

" समर मैं हूं, ये रहा आरोही जी का मोबाइल।" समर बोला।

"थैंक यू आप लोग मोबाइल वापस करने आ गए, पर आप तो काफी आगे निकल गए थे, इतनी जल्दी वापस कैसे आ गए?" हैरान होते हुए आकाश ने पूछा।

" तेज स्पीड में गाड़ी भगाकर लाए है, हमें लगा; की आपकी अमानत जितनी जल्दी लौटा दे, उतना ही अच्छा है हम सबके लिए।" समर ने आरोही की तरफ देखते हुए कहा।

" ओह ! और एक सवाल और, आप मोबाइल को लेकर गए ही क्यों थे, जबकि आपको पता था, की एक्सिडेंट हुए लोगों का मोबाइल हो सकता है।" आकाश ने पूछा।

"वो बज रहा था, तो हमने उठा लिया और अचानक ये स्विच्ड ऑफ हो गया, पुलिस भी नहीं थी वहां; तो लगा कि फोन को खोलने की कोशिश करेंगे, इसमें सेव नंबर को डायल करके उसकी फैमिली को एक्सिडेंट के बारे में बताएंगे, आपके इस पर फोन आने से दो मिनट पहले ही ये ओपन हुआ था।" समर ने बोला।

" ओके, थैंक यू।" आकाश बोला।

"वेलकम, चलते हैं अब हम।" समर बोला, और चारों अपनी कार में बैठकर निकल जाते हैं

रास्ते में नितिन कहता है" थैंक गॉड, की हम बच गए; नहीं तो आज लग रहा था, की मरने वाले हैं, अब आरोही भी हमारे पीछे नहीं आई, इसका मतलब उसने माफ़ कर दिया हमें।"

"माफ़ कर दिया, माइ फुट; दिमाग का दही कर दिया हमारा और फालतू का भाषण और दे गई हमें; आत्माएं इतना भाषण देती है, हैरानी की बात है; अरे! मर गए हो, तो ऊपर जाओ, हम इंसानों को जीने दो।" गुस्से में मेहुल बोला।

और अचानक कार खुद से ही तेज स्पीड में चलने लगती है और सामने आते ट्रक से टकरा जाती है, और चारों सड़क पर गिर जाते हैं और उनके सामने आकाश आ जाता है" आकाश प्लीज़ हमें बचा लो, एम्बुलेंस को फोन करो।" मेहुल बोला।

" मरा हुआ इंसान, तुम्हें कैसे बचा सकता है; मैं तो तभी मर गया, जब मैंने फोन पर नितिन से बात की उसके दस मिनट बाद, अचानक मुझे हार्ट अटैक आ गया, क्यूंकि आरोही का ऐसे जाना मैं बर्दाश्त नहीं कर पाया, हम दोनों तुम लोगों को बचा नहीं सकते; पर मार जरूर सकते हैं, तभी तो देखो; तुम्हारा एक्सिडेंट हुआ।" आकाश बोला और तभी आरोही भी वहां हंसते हुए आती है।

"तुम्हें हमने और इस एक्सिडेंट ने नहीं, एक गलत सोच, एक गन्दी सोच ने यहां पहुंचाया है; इसमें हमारी कोई गलती नहीं है, ओके बाय; टेक केयर सलोनी बोली और हंसते हुए दोनों गायब हो जाते हैं

और आखिर में मेहुल मर जाता है, नितिन अंधा हो जाता है, कपिल को पैरालाइस हो जाता है और समर के पैर हमेशा के लिए खराब हो जाते हैं और इस तरह यहां गन्दी सोच को एक अंजाम मिल जाता है।


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