दस्तावेजों की सुरक्षा
दस्तावेजों की सुरक्षा


दोस्तो, भारत का संविधान दुनिया का एकमात्र ऐसा संविधान है, जो कागज़ पर हाथ से काली स्याही से लिखा गया है। यह स्याही आसानी से उड़ जाती है। इसलिए संविधान की मूल प्रति को गैस चेंबर में रखने का फैसला लिया गया।
इसके लिए भारत की 'नेशनल फ़िजिकल लेबोरेटरी' और अमेरिका के गेट्टी इंस्टीट्यूट के बीच समझौता हुआ और भारत में भी अमेरिका के गैस चैंबर की तरह ही एक गैस चेंबर भारत में बनाया गया।
इससे पहले भारत के संविधान की मूल प्रति को फ़लालेन के कपड़े में लपेटकर एक नेफ्थलीन बॉल्स के साथ रखा गया था।
कागज की सुरक्षा के लिए ऐसी गैस की आवश्यकता थी, जो नॉन-रिएक्टिव हो। नाइट्रोजन एक ऐसी ही गैस है। पहले ये चेम्बर हीलियम गैस से बनाया गया था।
लेकिन हीलियम गैस रोकने की नाकाम कोशिशों के बाद इसे नाइट्रोजन गैस चेम्बर में तब्दील कर दिया गया था।
महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए इस विधि को अपनाया जाता है।