Shailaja Bhattad

Drama Inspirational

5.0  

Shailaja Bhattad

Drama Inspirational

दृष्टिकोण

दृष्टिकोण

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आजकल रद्दी का सामान देने के लिए कई लोग बाहर से गाड़ी बुलाते हैं । जो रद्दी के वजन के हिसाब से बदले में कपड़े का बैग देते हैं । ये गाड़ियाँ पर्यावरण संबंधित विभिन्न नामों से होती है, लेकिन आने-जाने में उनका पेट्रोल खर्च होता है तो फिर यह ग्रीन यात्रा कैसे हुई, अतः मैंने यह सुझाव दिया कि, इस प्रकार हम पर्यावरण की कोई भी मदद नहीं कर रहे हैं । जब हमारे अपार्टमेंट के दो कदम पर ही रद्दी की दुकान है । और वह पैरों से आकर सभी प्रकार का सामान ले जाता है और उचित दाम भी देता है, जिससे हम मनचाहा बैग खरीद सकते हैं और एक नहीं कई खरीद सकते हैं, फिर दूर से गाड़ी बुलाने की क्या जरूरत है ? इससे हम अपने देश पर ही अधिक पेट्रोल आयात करने का बोझ डाल रहे हैं । साथ ही अगर उस रद्दी वाले ने पास में अपनी दुकान खोली है तो इसी आशा से कि उसे आसपास के ग्राहक मिलेंगे । फिर उसका पेट काटकर दूर से किसी और को बुलाकर रद्दी देना कैसा न्याय है ।

कुछ सकुचाते हुए से मैंने ये प्रस्ताव रखा जाने क्या प्रतिक्रिया मिले पर साथ में यह भी कहा, 'हो सकता है मेरा सुझाव आप लोगों को ठीक न लगे', लेकिन सभी ने मेरे इस दृष्टिकोण का न सिर्फ़ समर्थन किया वरन इसे सराहा भी। इससे मुझे अत्यंत खुशी मिली और लगा जैसे मैं देश के विकास में हाथ बँटाने वालों की कतार में शामिल हो चुकी हूँ । वैसे भी बूंद-बूंद से ही घड़ा भरता है ।


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