Prateek Tiwari (तलाश)

Abstract Drama Tragedy

4.4  

Prateek Tiwari (तलाश)

Abstract Drama Tragedy

दहेज

दहेज

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आज उसकी माँ उसे तेज़ तेज़ हाथ चलाने को बोल रही थी। लड़के वाले जो आने वाले थे। वो बचपन से आम लड़कियों जैसी ना थी। उसे सजना सँवरना बिलकुल पसंद नहीं था। फुटबॉल की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी भी थी पर आज माँ के कहने पर तैयार होना पड़ रहा था ।

ख़ैर साँझ हुई लड़के वाले आए, बातचीत हुई, हँसी ठहाके हुए। तभी लड़के के पिता जी ने बातों बातों में बताया कि उन्होंने मकान का नवीनिकरण कराया है। बाक़ी शादी में ज़ेवरात भी ख़ूब लायेंगे इसलिए हमें छह लाख रुपए कैश में चाहिए। इसके अलावा और बहुत से उपहार जो वो चाहते थे कि उनके रिश्तेदारों को दिए जाए सब गिना डाले। उन्होंने जैसे ही ये बात ख़त्म की, वो ठहाके लगा कर हँसने लगी।

लड़के की माँ ने पूछा, बेटा सब ठीक तो है। वो मुस्कराते हुए बोली “ हाँ आंटी सब ठीक है, पर माँ ने शायद मुझे ग़लती से सज़ा धजा दिया, बिकना तो लड़के को था।” कमरे में एक लम्बी ख़ामोशी छा गयी।


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