एक लघुकथा। एक लघुकथा।
कितनी अनीता आज भी दहेज की बलिवेदी पर चढ जाती है। कब समाज बराबरी का दर्जा दे सकेगा ! कितनी अनीता आज भी दहेज की बलिवेदी पर चढ जाती है। कब समाज बराबरी का दर्जा दे सकेग...
क्या सारिका की गलती की सज़ा उसकी बेटियों को मिलेगी ? आइए पढ़ते हैं यह कहानी...। क्या सारिका की गलती की सज़ा उसकी बेटियों को मिलेगी ? आइए पढ़ते हैं यह कहानी...।
आधुनिक दहेज कैसा है ? आइए, जानने के लिए पढ़ते हैं यह कहानी...। आधुनिक दहेज कैसा है ? आइए, जानने के लिए पढ़ते हैं यह कहानी...।
तुम किसी अक्ल वाली लड़की को ढूंढ़कर उसी से शादी कर लेना। तुम किसी अक्ल वाली लड़की को ढूंढ़कर उसी से शादी कर लेना।
शिक्षा और संस्कारों के गहने पहनाकर विदा किया है ;हमारे समधी जी ने। शिक्षा और संस्कारों के गहने पहनाकर विदा किया है ;हमारे समधी जी ने।