Ajay Singla

Inspirational Thriller

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Ajay Singla

Inspirational Thriller

देश भक्त

देश भक्त

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सूर्यवीर जम्मू में रहता था l उसके दो बच्चे थे , एक लड़का और एक लड़की l उसका घर जम्मू और कश्मीर के बीच में पड़ता था और शहर से थोड़ी दूरी पर एक शांत जगह पर था l सूर्यवीर कश्मीर में एक ऑफिस में काम करता था l वो रोज सुबह आठ बजे घर से निकल जाता और शाम के छे बजे घर पहुँच जाता l ये ही उस की रोज की दिनचर्या थी l 


पड़ोसियों से भी वो बस थोड़ी बहुत ही बात करता थाl कभी छुट्टी वाले दिन बीवी बच्चों को जम्मू घुमाने ले जाता l वो छे फुट लम्बा था और उस की डील डोल भी काफी अच्छी थी पर वो कपड़े बहुत ही सादा पहनता था और चश्मा भी हर वक़्त लगा के रखता था जिसके कारण उसका आकर्षक व्यक्तित्व कुछ छिप सा जाता थाl


किसी किसी दिन सूर्यवीर जब रात में लेट घर पहुँचता था तो उसकी पत्नी को बहुत चिंता होती थीl वो उसे कहता था कि ऑफिस में ज्यादा काम होने के कारण वो लेट हो गयाl उसने अपने घर में भी एक अलग कमरा बना रक्खा था जिसमें कि उसने कंप्यूटर वगैरह उपकरण रक्खे हुए थे और कभी कभी तो वो कमरे में देर रात तक काम करता रहता था और पत्नी के पूछने पर कह देता कि ऑफिस का काम ही इतना ज्यादा है कि घर पर भी करना पड़ता हैl


एक दिन जब वो ऑफिस गया हुआ था तो टी वी पर ये खबर चल रही थी कि भारतीय सेना ने उग्रवादियों के एक बड़े ठिकाने पर आक्रमण कर के बहुत से उग्रवादियों को मार गिराया है और इसके कारन कश्मीर के कई हिस्सों में कर्फ्यू भी लग गया है और मोबाइल सेवा भी बंद कर दी गयी हैl उस रात सूर्यवीर घर नहीं आयाl उसकी पत्नी ने फ़ोन मिलाने की कोशिश की पर वो भी नहीं मिल पायाl


अगले दिन सुबह जब वो घर आया तो बहुत परेशान लग रहा थाl उसने बताया कि मिलिट्री के ऑपरेशन के कारण वो कश्मीर में फँस गया था और वहां से निकल ही नहीं पाया और आज वो ऑफिस भी नहीं जायेगाl


उस दिन वो काफी देर तक अपने कम्प्यूटर वाले कमरे में काम करता रहा और फिर सो गया l सुबह करीब चार बजे गोलियों की तेज आवाज से सब की नींद खुल गयी l उसकी बीवी और बच्चे बहुत घबराये हुए थे l ऐसा लग रहा था जैसे गोलियां उनके घर को निशाना बना कर ही चलाई जा रही हैं l सूर्यवीर बहुत घबराया हुआ नहीं लग रहा था जैसे उसको पहले से ही कुछ अंदेशा हो कि ऐसा कुछ हो सकता है l


वो अपने बीवी बच्चों को कंप्यूटर वाले रूम में ले गयाl उसने वहां एक अलमारी खोली जिसमें कि काफी सारे आधुनिक हथयार पड़े थेl तब उसने अपनी बीवी को बताया कि वो भारत की सीक्रेट सर्विस का एजेंट है और कल जो उग्रवादियों का एनकाउंटर हुआ था वो उस की देख रेख में ही हुआ थाl शायद कुछ उग्रवादियों को उस के घर की भनक लग गयी और वो उसे मारने आये हैl बीवी बच्चे कुछ समझ नहीं पा रहे थे और उनके लिए ये जैसे कोई मूवी चल रही थीl सूर्यवीर ने कमरे के फर्श से दरी हटाई और नीचे तहखाने का दरवाजा निकल आयाl बीवी बच्चों को तहखाने में सुरक्षित कर हथियार लेकर सूर्यवीर अकेला ही उन आतंकवादियों से लड़ने लगाl इसी बीच उस ने फौज को भी वायरलेस मैसेज भेज दियाl


थोड़ी देर में फौज की एक टुकड़ी वहां पहुँच गयी और उन्होंने आतंकवादियों को घेर कर ख़तम कर दिया l उस के बीवी और बच्चे तहखाने में डरे सहमे गोलियों की आवाज सुन रहे थे और सूर्यवीर की सलामती की दुआ कर रहे थे l


थोड़ी देर बाद मिलिट्री ने उन्हें तहखाने से निकाला और बताया कि सूर्यवीर के हाथ में गोली लगी है और उसको हस्पताल लेकर जा रहे हैं l एम्बुलेंस में जाते हुए जब सूर्यवीर पत्नी और बच्चों की तरफ हाथ हिला रहा था तो उनको इस बात पर गर्व हो रहा था कि उनका पति और पिता एक ऐसा देश भक्त है जो अपने देश और बीवी बच्चों के लिए अपनी जान की बाजी तक लगा सकता है l


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