Richa Baijal

Drama

4.0  

Richa Baijal

Drama

डे 29 : एक घूँट हवा

डे 29 : एक घूँट हवा

1 min
207


डे 29 : एक घूँट हवा:22.04.2020


डिअर डायरी,


इतने कदम फूंक फूंक कर रखे कोरोना से बचने के लिए , उसके बाद भी संख्या 20000 तक पहुँच गयी है.आज भी कुछ बच्चों को लग रहा है कि खांसी - ज़ुकाम होगा, फिर हम ठीक हो जायेंगे। गली क्रिकेट हो रहा है गोलियों में, अब पुलिस हाथ पकड़कर तो आपको हर चीज़ के लिए मना नहीं करेगी।

सच कहूं तो सांसों में प्राकृतिक हवा का जाना भी जरुरी है। एक महीने घर ही में रह कर ऐसा लग रहा है जैसे साँस नहीं आ पा रही है। एक घूंट हवा सांसों में भर लेने का मन कर रहा है आज। 

ये कोरोना के लक्षणों की बात नहीं कर रही हूँ मैं। ये हमारी बेसिक ज़रूरत है जिसपर हमारा ध्यान आज तक गया ही नहीं। अब घर में बंद होकर बस हवा खाने का मन कर रहा है। एक मन कहता है कि अंदर भी मरना ही है, तो क्यों न थोड़ी देर बाहर की हवा खाकर जी लिया जाये।

बहरहाल, इस वक्त और कुछ भी नहीं सूझ रहा है। गरम चाय की चुस्की , हल्का -सा नमकीन और एक घूंट वो ठंडी हवा जिसकी मेरे ज़हन को सख्त ज़रूरत है आज|

अलविदा मेरी डायरी कल मिलते हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama