डांस पे चांस
डांस पे चांस
कभी-कभी ऐसा होता है, कि हम जिस कैरियर को कोई कैरियर ही नहीं समझते हैं।
उसी में कोई अपना नाम कमा जाते है।
ऐसा ही उन दो बहनों के साथ हुआ।
दोनों जुड़वा थी। जबकि सब लोग ज्यादातर लड़कियां अपना कैरियर साइंस ,आर्ट्स , कॉमर्स और होम साइंस में चुन रही थी।
तब उन दोनों बहनों ने संगीत और डांस को अपना कैरियर बनाया।
उन दोनों ने एक साथ में संगीत में पोस्ट ग्रेजुएशन करके और पीएचडी करा।
और महिला संगीत प्रोफेसर बने।
उस जमाने में संगीत को कैरियर के रूप में नहीं माना जाता था। सब लोग सोचते थे यह दोनों क्या करेंगे।क्या लिया है।
मगर उन दोनों ने बहुत लगन से संगीत और डांस, कथक भरतनाट्यम इन सब में और क्लासिकल इन सब में बहुत महारत हासिल करी थी।
ऐसे ही उनका बहुत नाम हो गया था।
एक बार डांस प्रतियोगिता थी।क्लासिकल डांस पेश करना था। उन दोनों ने मिलकर के क्लासिकल डांस पेश किया।
और वे इस प्रतियोगिता में विजयी रही। प्रतियोगिता के इनाम में उन्हें शील्ड के साथ विदेश में भी उस ग्रुप के साथ में अपना डांस पेश करने का मौका मिला।
और वहां भी उन लोगों ने विजय हासिल करी। इस तरह से डांस के ऊपर मिले हुए चांस को उन्होंने फालतू नहीं गवाया।
और उनका सब में बहुत नाम हुआ।और बहुत फेमस हो गई।
क्लासिकल डांसर के रूप में उन्होंने बहुत नाम कमाया।
इस बात ने मुझे जिंदगी में एक बात सिखाई कि कोई भी कैरियर कमजोर नहीं होता।
पूरी शिद्दत से पूरी मेहनत से आप अगर कोई भी कैरियर पसंद करते हो , और अपना पूरा ध्यान और मेहनत उस पर लगाते हो तो आप उसमें जरूर सफल होते हो।
और कोई भी कैरियर खराब और कमजोर नहीं होता बस जरूरत होती है, उसकी बारीकियों को समझ कर फिर उसको अपनाने और अपना पूरा मन उसमें लगाने की।
और यही बात मैंने बाद में बहुत बच्चों को सिखाई।
पांच सात बच्चे जो मेरे सामने अपने कैरियर को जैसे इंजीनियरिंग में मनपसंद लाइन नहीं मिली तो जो लाइन मिली उसको लेने में थोड़ा हिचकीचा जा रहे थे।
तो मैंने उनको बोला अगर तुम अपनी इच्छा से अगर यह लाइन भी लेते हो, जैसे माइंस, मेटेलर्जी तो उसमें भी तुम अगर पूरी मेहनत से काम करोगे। और टॉप टेन में रहोगे।
तो तुम को आगे अच्छा चांस मिलेगा।
और आप मानेंगे नहीं लड़की जिसने माइंस इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया हमेशा टॉप में रही फाइनल में उसने 5 गोल्ड मेडल जीते।उसके बाद उसने उस वही से एम ई और फिर जमशेदपुर से एमबीए करके अभी वह अमेरिका में सेटल है। उसके रिजल्ट की हमेशा पहली मिठाई में मुझे खिलाती थी।
यह तो एक छोटा सा उदाहरण है।
ऐसे मेरे पास बहुत से उदाहरण है देने के लिए। मेरे वक्त में क्यों अकेला सा रहता हूं।
आशा है आप ही सहमत होगें।
