चुड़ैल
चुड़ैल
बारिश का मौसम ..मम्मा ने कहा पानी बरसे..उसके पहले कपड़े उठा लेना...।
हम पढ़ रहे जासूसी उपन्यास...उपन्यास के चक्कर में भूल गये। बारिश बहुत तेजी से होने लगी। कपड़े भींग कर खिड़की में चिपक गये। जब कपड़े उठाने की याद आई
तो कपड़े लेने बरामदे में गये...तो खिड़की की तरफ देख चुड़ैल कह चीख पड़े। मम्मा-पापा दौड़े आये... क्या हुआ, क्या हुआ की रट लगाये। मेरी तो बोलती बंद ..। पापा बरामदे से सब कपड़े उठाकर अंदर आये..। खिड़की में चादर चिपका उसे उठा लाये अब वहाँ कोई परछाई नहीं थी। मम्मा ने हँसते हुये कहां...तेरी चुडैल पापा के हाथों में हैं... तब हम सब ठहाका लगा कर हँसने लगे।
