चेहरा प्यार का-2
चेहरा प्यार का-2


वो बेजुबान था। इधर उधर भटक रहा था। सुनसान सड़क के किनारे वह अपने लिए आसरा ढूंढ रहा था। सड़क के किनारे स्थित एक घर की नाली के निचले भाग में उसे एक खाली जगह मिल गई थी।
वह वहां गया और अंदर जाने का रास्ता देखने लगा। वह अंदर जा ही रहा था कि उसे कू-कू की आवाज सुनाई दी। वह उसी का एक नन्हा प्रतिरूप था। वो नन्हा सा जीव उसे देखकर डर गया लेकिन कुछ देर बाद उसके साथ खेलने लगा।