चालाक मिस्त्री
चालाक मिस्त्री
एक बार की बात है पालमपुर गाँव में कल्लू नाम का एक मिस्त्री रहता था। वह बहुत लोगों के बड़े बड़े और अच्छे घर बनाता था लेकिन वह खुद एक झोपड़े में अपनी बीवी के साथ रहता था। एक दिन कल्लू घर आया और अपनी बीवी से बोला मै लोगो के लिए इतने अच्छे और बड़े घर बनाता हूँ लेकिन मेरी कमाई इतनी कम है की मै खुद का एक बड़ा और पक्का घर अभी तक नहीं बना पाया। इसलिए मै यह काम छोड़ दूंगा।
लेकिन उसकी बीवी ने कल्लू को प्रोत्साहित करते हुए बोला की आप इसी तरह मेहनत से काम करते रहिए तो आप भी एक दिन हमारे लिए एक बड़ा घर बना लेंगे। वह यह बात कर ही रहे थे तभी उनके पास जमींदार का नौकर आया और बोला की कल्लू तुमको जमींदार साहब ने बुलाया है। कल्लू यह सुनकर जमींदार के घर गया। वहाँ जाकर जमींदार ने कल्लू को कहाँ की तुमको हमारे लिए एक अच्छा बड़ा घर बनाना है।कल्लू ने जमींदार से आश्चर्य में प्रशन किया की मैंने अभी तो आपके लिए एक बड़ा घर बनाया है और इससे पहले भी मैंने आपके लिए काफ़ी घर बनाये है आप एक और घर बनाना चाहते है। इसके ज़वाब में जमींदार ने कहा की हा में अब एक और बड़ा घर बनाना चाहता हूँ। यह कहकर घर बनाने का सामान लाने के लिए जमींदार ने कल्लू को बहुत रूपए दिए। कल्लू रूपए लेकर जाते जाते यह सोचने लगा जमींदार अपने लिए घर पर घर बनाने लग रहे है लेकिन मै एक भी अच्छा घर नहीं बना पाया।उसने सोचा जमींदार इतने घर का आखिर करेंगे क्या मैंने और भी उनके बहुत से घर बनाये है जो की 50 साल टिकेंगे लेकिन अगर मै यह जो घर बनाने वाला हूँ। इसमें मै थोड़ा कच्चा सामान लगा देता हूँ तो यह 2 साल तो चल जाएगा।
लेकिन इसके बचाएँ गए पैसों से मै दूसरे गाँव में जाकर अच्छा और बड़ा घर अपने लिए बना सकता हूँ। 2 साल बाद यह घर गिर भी जाये तो क्या फ़र्क पड़ता है यह घर बनाने के बाद तो मै यहाँ से चला जाऊंगा। यह सोचकर उसने उसी दिन से जमींदार का घर कच्चा सामान लाकर बनाना शुरू कर दिया ।वह असली सामान जैसा दिखने वाला नकली सामान घर में लगाने लगा जिससे किसी को कोई शक न हो सकें। कुछ समय बाद घर बन कर तैयार हो गया और इस घर को बनाने में कल्लू मिस्त्री को बहुत पैसों की बचत हुई जिससे वह बहुत खुश था और सोच रहा था इस पैसों का मै दूसरे गाँव में जाकर एक अच्छा बड़ा घर बना कर रहूँगा। घर बनाने के बाद वह जमींदार को घर दिखाने के लिए ले आया। जमींदार ने घर देखा तो बोला यह घर तो बहुत मजबूत और अच्छा है लगता है यह सौ साल तक टिकेगा।
लेकिन सच्चाई कल्लू मिस्त्री को पता थी की वह घर केवल दो साल ही टिकने वाला था। जमींदार बोला यह घर मैंने कल्लू मिस्त्री तुम्हारे लिए बनवाया है। तुमने हमारे लिए बहुत सारे अच्छे घर बनाये है हम तुमको इनाम देने के लिए यह घर बनवाया है।अब इस घर में तुम रह सकते हो। यह सुनकर कल्लू मिस्त्री के होश उड़ गए क्योंकि इस घर में उसने कच्चा माल लगाया था जिसके कारण वह घर 2 साल ही चलने वाला था। वह जमींदार से बोला तो आप यह पहले भी तो बता सकते थे।
लेकिन जमींदार बोला हम तुमको सरप्राइज़ देना चाहते थे। यह बात सुनकर कल्लू मिस्त्री परेशान हो गया और दुःखी मन के साथ उस घर में अपनी बीवी के साथ आकर रहने लगा। उस घर में आकर कल्लू मिस्त्री की बीवी बहुत खुश हो गयी क्योंकि की इतने बड़े और अच्छे घर में वह कभी नहीं रही थी।जमींदार ने उनको कुछ अच्छे कपड़े और ज़ेवर भी दिए जिससे वह अच्छा जीवन जी सके। कल्लू मिस्त्री अपने आपको कोसने लगा की क्यों उसने ऐसा घर बनाया जो केवल दो साल ही चलने वाला है।
वह अब दूसरे गाँव में जाकर अपने लिए नया घर भी नहीं बना सकता था क्योंकि इससे जमींदार को शक हो जाता। इसी परेशानी के साथ कल्लू और उसकी बीवी उस घर में रहने लगे। दो साल पुरे होने ही वाले थे। कल्लू मिस्त्री ने सोचा अगर वह इस घर की मरम्मत कराएगा तो जमींदार बोलेगा यह घर तो 50 साल चलने वाला है तो तुम इसकी मरम्मत क्यों करा रहे हो।कल्लू मिस्त्री को पता था 2 साल होने पर वह घर गिर जायेगा तो वह अपनी बीवी के साथ उसके मायके में चला गया और वह अपने साथ सारा सामान और जेवर भी नहीं ले कर गया नहीं तो लोग शक करते की उसको पता था यह घर दो साल बाद गिरने वाला है।
दो साल होने पर वह घर पूरी तरह से गिर गया जिसके बाद कल्लू मिस्त्री उस घर पर आकर नाटक करने लगा की उसका सारा सामान और ज़ेवर का नुक्सान हो गया। वह जमींदार से बड़ी चतुराई से बोला हम गरीबों के नसीब में ऐसा अच्छा घर नहीं होता जिसके कारण यह घर गिर गया नहीं तो आपके सारे घर अभी तक खड़े है। जमींदार ने भी इसे सच समझा जिसके बाद कल्लू मिस्त्री अपनी बीवी को लेकर अपने पुराने झोपड़े में जाकर रहने लगा।