Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
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Kanchan Lalwani

Abstract

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Kanchan Lalwani

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चाइल्ड लेबर

चाइल्ड लेबर

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ए साहब ज़रा काम दे दो मुझे

घर चलाने का पैसा दे दो मुझे

है मेरे नन्हें- नन्हें हाथ, 

पर कोई काम दे दो मुझे


दो कोई भी काम, हो जो कोई भी दाम,

है परिवार का भरना पेट है मुझे

ए साहब ज़रा काम दे दो मुझे,

घर चलाने का पैसा दे दो मुझे


ना कोई बचा सहारा,ना बचा कोई आसरा,

रह गया हूँ अब मैं ही अपने परिवार का आसरा

मैं कर लूँगा काँच की भट्टीयो में काम,

मैं कर लूँगा बर्तन माँजने का काम


मैं कम पगार में भी कर लूँगा काम,

बस साहब कोई भी दे दो मुझको काम

है खटियाँ पर पड़ी मेरी बूढ़ी माँ,

बापू भी पड़ गया बीमार है


दवा-दारू का ज़िम्मा मेरा,

ना बचा आसरा कोई सिवाय अब मेरा

ए साहब ज़रा काम दे दो मुझे

घर चलाने का पैसा दे दो मुझे।


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