बरसात
बरसात
दीनू जब सुबह स्कूल पहुंचा, तब क्लास के सारे बच्चे बीती रात हुई जोरदार बारिश पर की गई अपनी अपनी मस्ती का बखान कर रहे थे। किसी ने बहते पानी में नाव छोड़ी, कोई घर की छत पर खूब नहाया तो किसी को कल रात खाने में भजिये ओर गुलगुले मिले थे। उनकी बाते सुन वहां उपस्थित सभी बच्चों को बड़ा मजा आ रहा था। पर उन्हीं बच्चों के बीच शिक्षा के अधिकार के तहत, बड़े स्कूल में प्रवेश पा गया। पास की छोटी बस्ती का दीनू अब तक सिर झुकाए खड़ा था। क्योंकि कल उसकी पूरी रात तो कच्चे घर के टूटे छपरे से झरते पानी को उलीचने में गुजरी थी। जिसके कारण उसे कल रात न खाना नसीब हुआ ना ही ठीक तरह से नींद।
