ब्रदर की दुल्हनिया
ब्रदर की दुल्हनिया
सुनो ना मुझको मेरे घर छोड़
आओ मम्मा ने मुझे बुलाया हैं
मैं दो दिन में मम्मा से भेंट कर आ जाऊंगी। कबीर अपनी बीबी को उसके घर छोड़कर आ गया।
कोमल अपने घर गई वहाँ अपनी मम्मी से भेंट कर अपनी रानी भाभी से बातें करने लगीबातों के दौरान कोमल को पता चल गया मम्मा और भाभी मे फिर लड़ाई हुई है। मम्मी ठहरी पुरानी मॉडल सास
रानी भाभी आज कल की मॉर्डन बहू।कोमल सोच मे पड़ गईमम्मा तो हम बेटियों को संस्कार की घुट्टी पिला दी पर
बहू थोड़े उनके नक्शे-कदम पर चलेगीवह भी रानी भाभी।
कोमल माँ की बात सुनके समझायी मम्मा रानी भाभी आपकी बेटी नहीं हैं जो सब बात आँख मुंद कर आपका मानेगीवह बहू हैं आपकी । बस आपका वह सम्मान करें यहीं काफी है आपके लिये। आप उनकी कुछ गलतियों को नजर अंदाज करना सीखीये आपकी समस्या खुद ब खुद सुलझ जायेगी ।
इसी तरह रानी भाभी से उनकी बात सुनके बोलीभाभी सास बहू की लड़ाई तो आम बात हैं बस मम्मा दो-चार बात सुनाती हैं तो सुन लिजीये जवाब देने से क्या फायदाकुछ बातें मम्मा के अनुसार ही कर दिजीयेबाकी तो आप ही मालकिन हो आप अपनी मर्ज़ी से करो । सुन के रानी भाभी खिलखिलाकर हँस पड़ी । वैसे भाभी हैं अच्छे स्वभाव की । शाम को कोमल सोफा पर बैठ कर मोबाइल चला रही मम्मा वहीं पर बैठ पापा के पैंरो में मालिश कर मोजा पहनने के लिये कह रही। पापा ना-नुकूर कर रहे । तभी रानी भाभी चाय लेकर आई पापा को मोजा पहनने के लिये मम्मा बार बार पापा से कह रही पापा हैं कि मोजा नहीं पहन रहे तभी रानी भाभी ने सबको चाय देकर मम्मा के हाथ से मोजा लेकर पापा को मोजा पहनाने लगीपापा भी अपनी बहू से चुपचाप मोजा पहनने लगे जब कोमल ने रानी भाभी को पापा को मोजा पहनाते देखा तो पापा मम्मा के साथ मुसकुरा पड़ी।