Archana kochar Sugandha

Tragedy

4  

Archana kochar Sugandha

Tragedy

बर्दाश्त

बर्दाश्त

1 min
200



लाला राम दयाल सबसे बड़ा सूदखोर है। उधार के पैसों पर मोटा सूद वसूलता है। कुछ गहनें या घर का कीमती सामान गिरवी भी रखवाता है।सुनार के साथ मिलकर गहनों के तोल को कम बता कर कुछ सोना इधर.उधर कर लिया करता है। लाला अपने ग्राहकों को कुछ इस ढंग से पटाता कि ग्राहकों में उसकी छवि नेक दिल ईमानदार तथा उदार व्यक्ति की बनी हुई है।पैसे चुकता होने पर वह ब्याज के दो चार रूपये छोड़ दिया करता है। खजाँची उसके इस गोरखधंधे को बड़े ध्यान से देखता परखता तथा रोज़ कहता "लाला इतनी काली कमाई कहाँ ले जाओगे।" लाला खींसे निपोर कर हीं.हीं करके हँस देता। दुकान के सामने एक कुत्ता कहीं से हड्डी का टुकड़ा उठा लाया तथा बड़ी देर से उसका कीमा निकाल रहा था। लाला से उसका शोर बर्दाश्त नहीं होता तथा नौकर को उसे भगाने को कहता है। नौकर कुत्ते को भगाते हुए सोचता है शायद लाला से अपनी जात बर्दाश्त नहीं हो रहीं है।


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