बफा
बफा
ऑफिस में विकास की एक सहायक ने अभी एक प्रेम पत्र लिखकर अपने इश्क का इजहार किया। वह विकास के विद्यार्थी जीवन में साथ रही थी। पता नही कब से वह विकास को प्यार करने लगी थी।
विकास ने सोचना शुरू किया कि उसकी पत्नी घर में उस पर विश्वास कर के बेधड़क अपने कार्य में व्यस्त होगी। उसे विवाह के समय लिए गए सात वायदों पर पूर्ण निष्ठा व विश्वास होगा। वह हर पल एक आशा और विश्वास के साथ मेरे बारे में सोचती होगी। क्या पराई स्त्री का दिया हुआ प्रेम पत्र उसके साथ विश्वास घात नहीं होगा ?
क्या उसके माता पिता जो उसे अपना बेटा कहकर बुलाते हैं उनके साथ मेरा विश्वास घात नहीं होगा ?
क्या मेरी बेटी जो रोज सुबह शाम बाय और हाय करती है उसके साथ विश्वास घात नहीं होगा ?
जरूर वह सहायक पत्नी से ज्यादा खूबसूरत थी लेकिन क्या मात्र शारीरिक सौंदर्य के लिए ही अपनी पत्नी से विश्वास घात कर दूं ?
यह तो कतई संभव नहीं है।
मैं ऐसे कैसे कर सकता हूं ?
तुरंत विकास ने सहायक को बुलाकर शांति से समझाया कि विश्वासघात न तुम्हारे लिए और न ही मेरे लिए ही अच्छा है। अगर जीतना है तो किसी का विश्वास जीतो। ऐसे बीज मत बोओ जिनसे जिंदगी में कांटे बिछ जाएं।
सहायक तो चली गई लेकिन आज विकास को बहुत शांति थी। एक खुशी उसके चेहरे पर गहराती चली गई।

