Vimla Jain

Tragedy Inspirational

4.7  

Vimla Jain

Tragedy Inspirational

बंद दरवाजे के पार

बंद दरवाजे के पार

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मेघा अपने कमरे में बैठकर अतीत के विचारों में खोई हुई है ,सोच रही है।कितनी मुश्किल से बच कर निकली हूं।अगर नहीं निकल पाती तो मेरी जिंदगी तो नर्क से भी बदतर हो जाती।धीरे धीरे उसको सारी पुरानी बातें याद आने लगती हैं, कि किस तरह से बचपन से अभावों मैं जीने के कारण और अपने नएनए शौक पालने वह पूरे करने के उत्साह के कारण किस तरह वह उस नर्क में फस गई । जब भी उस घर के बाहर से निकलती उसको ऐसा लगता कितना सुंदर घर है । उसके चारों तरफ बहुत ऊंची दीवारें थी, उनके कारण अंदर क्या है वह कुछ दिखाई नहीं देता था ।उसकी हर समय या इच्छा रहती थी ,कि मेरा भी घर हो और मैं उस घर की रानी होऊ। मालकिन होऊ ।और यही सपना उससे उस दीवार उस दीवारों के पीछे वाले घर में ताक झांक करने के लिए मजबूर करता था।उस घर के लोगों को आस-पड़ोस के लोगों ने कभी नहीं देखा था।बस बड़ी-बड़ी गाड़ियां आती थी और चली जाती थी ।और सब बंद दरवाजे वाली गाड़ियां होती थी। तो अंदर कौन है, यह भी पता नहीं लगता था। और उसका कुतूहल इतना ज्यादा बढ़ गया कि 1 दिन में चोरी छुपे जरा सा दरवाजा खुला था और दरबान वहां नहीं था ।

वह अंदर घुस गई ।अंदर जाकर मकान को देखने में वह उसकी सुध बुध खो गई उसमें इतनी गुम हो गई। कि उसको समझ में ही नहीं आया कि वह कब असामाजिक काम करने वाले लोगों की गिरफ्त में आ गई।वहां से निकलने की बहुत कोशिश करी मगर वह निकल ही नहीं पा रही थी।वह लोग  ह्यूमन ट्रैफिकिंग करने वाले गुन्हेगार लोग थे, और उनको तो घर बैठे ही एक लड़की मिल गई थी।तो वे उसको कैसे जाने देते उन्होंने उसको रस्सियों से जकड़ कर रूम में डाल दिया ।और आपस में उसको बेचने की बातें करने लगे कि कल सुबह उसको ले जाएंगे और बेच देंगे अरब कंट्रीज में।उसके कान में यह बात पड़ी। वह घबरा गई अब वह सोच रही थी कि अब कैसे निकले ,अब कैसे निकलू यहां से।

तभी उसे ध्यान आया कि उसकी पॉकेट में उसका मोबाइल फोन है।उसने बहुत कोशिश करके वहां से पुलिस को मैसेज कर दिया।और रात को ही वहां पुलिस का छापा पड़ा और उसको सुरक्षित निकाल लिया गया।और उन लोगों से बहुत सख्ती से छानबीन करने पर उनके दूसरे अड्डों का भी पता लगा। पड़ोसी लोग भी एकदम शॉक में आ गए कि इतनी संभ्रांत कॉलोनी में भी ऐसे धंधे हो रहे हैं। दरवाजों के पीछे ऐसे काले कारनामे चल रहे थे।अगर वह लड़की अंदर नहीं जाती और अपनी होशियारी नहीं दिखाती तो वह भी उनके कारनामों का शिकार बनकर कहीं बेच दी जाती ।पुलिस वालों ने उसको बहुत शाबाशी दी।और बोले तुमने बहुत होशियारी दिखाई है अपनी जान जोखिम में डालकर इतने बड़े रैकेट को पकड़ाया हैःइसके लिए हम तुम्हारे लिए पुरस्कार की भलामण करेंगे।

उसने पुलिस को बोला आप लोगों ने मुझको बचा लिया यही मेरे लिए बहुत बड़ा पुरस्कार है।और आज वह उन्हीं बातों को विचार रही थी और सोच रही थी कि महत्वाकांक्षा और शौक उतने ही रखने चाहिए।जो अपने दम पर पूरे हो नहीं तो कभी कभी इस तरह से खतरों में पड़ सकते हैं। वापस निकलना बहुत ही भारी हो जाता है।और उसने सोचा अब मुझे वापस पढ़ाई और इतनी मेहनत करनी चाहिए कि मैं अपने बलबूते पर सब कर सकूं बंद दरवाजे के पीछे झांकने से कुछ नहीं होता है।अपने लिए अच्छा बड़ा दरवाजे वाला घर बनाना वह ज्यादा जरुरी है। 


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