ब्लॉक
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"हाय रीता! कितने दिन हो गये मिले हुए..... तुमको याद आ गई मेरी?" आरती ने अपनी मित्र रीता को देखकर थोड़ा गुस्सा और प्यार दिखाया।
"अरे यार जानती तो है आजकल डिस्टेंसिंग के कारण आना-जाना बंद है, बस मोबाइल से ही कनेक्शन बना है दोस्तों के बीच। आज मन नहीं माना तो तुमसे मिलने चली आई लेकिन याद रखना दूर बैठना और चाय-वाय तो मैं बिल्कुल नहीं पियूंगी समझी......"
"अच्छा नहीं पिलाऊँगी और कोई आज्ञा......यार मोबाइल से याद आया वो स्वीटी है ना, इतनी होशियारी मारती है कि...... " आरती ने अर्थपूर्ण मुस्कराहट के साथ कहा।
स्वीटी इन दोनों सहेलियों की आभासी मित्र है इसलिए दोनों उसको जानती हैं।
"क्यों क्या कर दिया उसने?" रीता ने आश्चर्य के साथ पूछा।
"आर्किटेक्ट तो है ही, रोज अपनी कोई ना कोई नई डिजाइन पोस्ट करती रहती है...... बिना कारण होशियारी दिखाती रहती है।"
"हां लेकिन अच्छे तो है उसके डिजाइन, थोड़ा दोस्तों के साथ हंसी मजाक हो जाता है, इसमें प्रॉब्लम क्या लग रही है तुझे?" रीता ने पूछा।
"अब तो उसने नया कपड़ों का भी कोई ऑनलाइन बिजनेस शुरू कर दिया है अब और स्मार्टनेस बढ़ गई मैडम की......मुझे उसका स्टाइल मरना अच्छा नहीं लगता।" -आरती ने बात आगे बढ़ाई।
"अच्छा मैडम, अगर ईर्ष्या तू न गई मेरे मन से, टाइप कहे........तो आपके मन में जलन सी हो रही है शायद......." रीता हँसकर बोली।
रीता और आरती दोनों बचपन के दोस्त है और रीता थोड़ा मुँहफट भी है इसलिए वो आरती की मंशा भांप गई थी।
"अरे उसकी फैन फॉलोविंग को देखकर बहुत गुस्सा आता है।" आरती रुवासे स्वर में बोली।
"तो एक काम कर...... " रीता ने आंखें चमकाते हुए कहा।
आरती बड़ी जल्दी बोली, "बता क्या करूं? कितनी बार उसकी पोस्ट पर डिसकैरेज कर चुकी हूं लेकिन उस पर कोई असर ही नहीं पड़ता......"
"उसको ब्लॉक कर दो, ना रहेगा बांस और न बजेगी..... समझी।" रीता रहस्य पूर्ण मुस्कान के साथ बोली।
आरती ने मोबाइल उठा कर तत्काल स्वीटी को ब्लॉक किया।
स्वीटी को ब्लॉक करने के बाद आरती की आँखें चमक उठी और दोनों जोर से हँस पड़ी।