लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास
उसके कपोल पर लेपते हुए खुशी से चिल्लाया, 'अरे..तू तो मेरी होशियार घरनी है।' उसके कपोल पर लेपते हुए खुशी से चिल्लाया, 'अरे..तू तो मेरी होशियार घरनी है।'
परीक्षा के दिन, डीन ने छात्रों को अलग-अलग कक्षाओं में बैठने के लिए कहा, जिस पर छात्रों परीक्षा के दिन, डीन ने छात्रों को अलग-अलग कक्षाओं में बैठने के लिए कहा, जिस पर छ...
राजा ने उसे ढेर सारा धन दिया और अपना दरबारी बना लिया। राजा ने उसे ढेर सारा धन दिया और अपना दरबारी बना लिया।
घरवालों से नाराज हो तो बाहर वाले की बातों में बहुत जल्दी आ जाते हैं घरवालों से नाराज हो तो बाहर वाले की बातों में बहुत जल्दी आ जाते हैं
वह बच्चों को अपने पति को कुछ बोलने नहीं देती है मगर बच्चे सब समझते हैं। वह बच्चों को अपने पति को कुछ बोलने नहीं देती है मगर बच्चे सब समझते हैं।