ब्लड प्लेटलेट भाग-1
ब्लड प्लेटलेट भाग-1
सुनिल नीचे सिर करके रो रहा था। तभी उसकी मां को पता चल गया। वे उसके पास में आई और प्यार से सर पर हाथ फेरा। मां बोली बेटा रो मत बहू ने तुझे ठुकराया है, और एक दिन उसे अपनी गलती का एहसास जरूर होगा। लेकिन बेटे ने जो बोला वह सुनकर तो मां की भी आंखों से आंसू की धार बहने लगी । बेटा बोला
"मैं इस बात की वजह से नहीं रो रहा हूं मां।मुझे दुख इस बात का हो रहा है कि जब मेरे ससुर को ब्लड कैंसर हो गया था, तब मेरे सिवाय किसी का भी प्लेटलेट मैच नहीं हो रहा था। मैने उनकी जान बचाने के लिये, तीन से चार बार प्लेटलेट दिया था और आज वही ससुर मेरा घर तोड़ने पर तुले हैं और मेरे बच्चे जो कि मेरी जान है मुझसे छीनना चाहते हैं।"
रोती हुई सुनील की मां बोली "बेटा देर सवेर ही सही लेकिन सबको अपनी करनी का फल मिलता जरुर है ! "
