बहू सिया रानी
बहू सिया रानी
यह बात है 70 के दशक की। एक गांव था, उसमें लगभग 200 परिवार थे। इस गांव में कई जातियों के लोग रहते थे ।उनमें से कुछ लोग झगड़ालू किस्म के थे, मगर ज्यादातर लोग शांतिप्रिय थे। उस गांव के लोगों में आए दिन आपस में झगड़ा होता रहता था, लेकिन उस गांव की एक खास बात थी कि जब उस गांव के किसी भी जाति के व्यक्ति का अन्य गांव के व्यक्ति से झगड़ा होने पर पूरा गांव एक हो जाता था यही एकता उस गांव की शक्ति थी।
एक बार होली पर उस गांव में लल्लू और बल्लू दो सगे भाइयों में झगड़ा हो गया, इस झगड़े में लल्लू बुरी तरह घायल हो गया। किसी तरह गांव के सभ्य लोगों ने झगड़ा खत्म कराया लेकिन लल्लू घायल होने कारण व्यथित था, और गांव छोड़कर चला गया। उसने गांव से बहुत दूर अपने खेत में एक घर बनाया। उसके परिवार में उसकी पत्नी प्रमिला, दो बेटे अनिल और सुनील तथा दो बेटियां अनीता-विनीता सहित कुल 6 सदस्य थे, जो बहुत ही मृदुभाषी और मिलनसार थे। वह पशुपालन भी करते थे। उन पशुओं के लिए उन्होंने एक तालाब बनाया और घर के चारों तरफ बहुत सारे फलदार वृक्ष लगाए। जो भी उनसे मिलने आता वह खूब मेहमान बाजी करते सभी का सत्कार करते थे। इस प्रकार अमन-चैन में समय बीतता गया और बच्चे शादी योग्य होने लगे । एक दिन लल्लू ने अपने किसी रिश्तेदार से अपनी बड़ी बेटी की शादी के लिए बात की तो रिश्तेदार ने लल्लू से कहा कि दो जुड़वा भाई हैं जिनकी शादी एक साथ होगी फिर लल्लू ने दोनों बेटियों की एक ही मंडप में शादी करके विदा किया।उसके बाद बड़े बेटे अनिल की शादी की, छोटा बेटा सुनील शहर में पढ़ाई कर रहा था, जब उसकी पढ़ाई पूरी हुई तो उसकी भी शादी कर दी गई। इस प्रकार घर में दो बहुऐं आ गई, उनमें से बड़ी बहू का नाम सिया और छोटी बहू का नाम रानी था।अब उस घर में बेटियों की जगह बहुओं ने ले ली थी।
दोनों ही बहुऐं सर्वगुण संपन्न थीं। उनमें बड़ी बहू राजनीति शास्त्र से एम.ए .पास थी और दूसरी बहू अंग्रेजी से एम.ए. पास थी। एक दिन दोनों बहुओं सिया और रानी ने अपनी सासू मां से कहा कि हम लोग गांव से इतनी दूर क्यों रहते हैं? सबसे अलग-थलग पड़े हैं,ऐसा क्या कारण है? गांव से अपने घर के लिए ना कोई रास्ता है ना कोई सड़क है, आने जाने में कितनी तकलीफ होती है। यह बात जब सासू मां ने अपने पति लल्लू को बताई तो वह जवाब नहीं दे सके। काफी सोच-विचार के बाद उन्होंने कहा कि उस गांव में लोग हमें शांति से जीने नहीं देते थे, हर समय झगड़ा करते थे वहां झगड़ालू लोग रहते हैं। यह सुनकर दोनों बहुत हैरान हुईं कि सब अपने-अपने घर में रहते हैं सबका अपना-अपना खेत है फिर झगड़ा किस बात का?
दूसरे दिन दोनों बहुओं ने अपने ससुर से आग्रह किया कि हमें कलेक्टर साहब के पास ले चलो। यह सुनकर घर के सभी लोग स्तब्ध रह गए, सब के सब हैरान, सभी सोचने लगे कि दोनों बहूऐं कलेक्टर से क्यों मिलना चाहती हैं ? और उन सभी का सोचना भी लाजमी था क्योंकि उस जमाने में गांव के सीधे-साधे लोग सरकारी तंत्र से बहुत डरते थे।
लेकिन काफी सोच विचार के बाद घर के सभी सदस्य दोनों बहुओं को कलेक्टर के पास ले जाने के लिए तैयार हुए। जब सिया और रानी कलेक्टर से मिलीं तो उन्होंने गांव की पूरी समस्या को कलेक्टर साहब के सामने रखा और कहा कि हम गांव के लोगों को शिक्षित करना चाहते हैं, उनको सुख सुविधाएं देना चाहते हैं। आप हमारी मदद कीजिए यह सुनकर कलेक्टर साहब बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने कहा क्यों नहीं, आप जैसी जागरुक और पढ़ी लिखी महिलाएं समाज को सुधारने के लिए आगे आ रही हैं यह हमारे लिए बहुत ही खुशी की बात है।
फिर एक फाइल को उठाते हुए कलेक्टर साहब ने कहा कि प्रौढ़ शिक्षा अभियान के अंतर्गत तुम्हें एक शिक्षक बनना चाहिए,और उस गांव में हम प्रौढ़ शिक्षा केंद्र और आंगनवाड़ी केंद्र का शुभारंभ करेंगे जिसकी जिम्मेदारी हम तुम दोनों को सौंपेंगे।आप दोनों शिक्षित महिलाएं उस गांव का सुधार कर सकती हो और इसके साथ ही सभी को शिक्षित भी कर सकती हो।
फिर क्या था प्रौढ़ शिक्षा अभियान शुरू हुआ गांव में सभी प्रौढ़ को पढ़ना-लिखना सिखाया गया, सिया ने भी शिक्षक बनने के लिए आवेदन किया और सरकार की ओर से एक विशेष ट्रेनिंग ली, तत्पश्चात उस गांव में एक प्राइमरी स्कूल खुलवाया गया और सिया को एक शिक्षक के रूप में तैनात किया गया।गांव के बच्चे पढ़ाई करने के लिए आकर्षित हुए, क्योंकि सभी शिक्षा प्राप्त करना चाहते थे।
अब उस गांव में ना कोई लड़ाई ना कोई झगड़ा सब एकजुट होकर रहने लगे थे, मतलब सभी मिलजुल कर रहने लगे। गांव के सभी लोगों ने मिलकर दूसरी बहू रानी को निर्विरोध प्रधान चुन लिया। जब बहू प्रधान बनी तो उसने सबसे पहले गांव की सड़क बनवाई एंव गांव में हैंडपंप लगवाए और घर-घर बिजली पहुंचाई।
अब वो गांव हो गया एक आदर्श गांव। उस गांव की कुछ महिलाएं तो उन दोनों बहुऒं से इतनी प्रभावित हुईं कि उन्होंने भी गांव छोड़कर उनके घर के पास जमीन खरीद कर अपने घर बना लिए। अब वहां भी एक छोटा सा गांव बस गया ।
अब तो ऐसा लगता है मानो कि "गांव भले ही दो हैं, मगर लोग एक ही है" आपस में बहुत ही मन प्रेम है।
यह सब हुआ बहू "सिया रानी" के प्रयास के कारण।
