बहू काम पर ध्यान दो
बहू काम पर ध्यान दो
प्रीति रसोई से सुबह का काम जल्दी जल्दी ख़त्म करने में लगी थी| आज उसकी दोस्त रश्मि उससे मिलने आने वाली थी|
रश्मि और प्रीति दोनों की खूब जमती थी| दोनों ही हंसमुख ओर खुश मिजाज| रश्मि प्रीति के घर पहुंची, दोनों को बड़ी खुशी हुई| प्रीति ने रश्मि को बिठाया और पानी लेकर आई|
रश्मि प्रीति की सास से थोड़ी बात चीत करने लगी| प्रीति की सास ने भी प्रीति के लापरवाही के किस्से शुरू कर दिए, पर प्रीति को इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता है| उसे सास की आदत पता है, उसके लिए नई बात नहीं थी| बस वो जब सास कुछ कहती तो गुस्सा ना होकर एक जवाब दे देती "आगे से ध्यान रखूंगी" और अपने काम में लग जाती।
रश्मि ओर प्रीति की सास बात कर रहे थे और प्रीति थोड़े बचे काम जल्दी जल्दी ख़त्म करने में लगी थी कि जल्दी फ्री हो के सहे ली से इत्मीनान से बाते कर सके|
प्रीति की ननद फोन पर ऎसे ही टाईम पास कर रही थी| प्रीति ने उससे कह दिया कि खाना बना दिया है, आप बस कॉलेज निकलो तब टिफिन में डाल लेना|
देवर को नाश्ता दे दिया ओर बोल दिया की नाश्ता करने के बाद प्लेट काम वाली को दे दे और खुद मशीन में कपड़े डालने चली गयी|
वापस आयी तो देखा कि सास का मुह फुला हुआ है और रश्मि चुप बैठी है|
सास ने गुस्से में कहा "सेहली आई तो तुम ननद देवर का मान भूल गयी| उनको काम पर लगा दिया| सहेली से ऐसी भी क्या वार्ता करनी है!" प्रीति ने बड़े आराम से कहा कि आगे से ध्यान रखेगी और रश्मि को लेकर कमरे में चली आई|
रश्मि ने प्रीति से पूछा "तुम इतनी खूश कैसे रह लेती हो? तुम्हें बुरा नहीं लगता अपनी सास की बात का?"
प्रीति बोली" पहले लगता था, उनको मेरी कोई चीज़ सही नहीं लगती थी, चाहे वो काम उनके कहे अनुसार किया हो| कोई ना कोई कमी निकाल ही देती थी और मैं भी लगी रहती उनको खुश करने में| पर कोई फायदा नहीं हुआ, तो मैंने सोचा कि मम्मी जी तो खुश होने से रही तो खुद ही खुश रहा जाए| अब जब वो कुछ बोलती हैं तो मै बोल देती हूँ की आगे से ध्यान रखूंगी और वो भी शांत हो जाती हैं और मैं अपने हिसाब से काम करती रहती हूँ|
मम्मी जी की असुरक्षा की भावना है बस, उन्हे लगता है कि अगर वो कुछ नहीं कहेगी तो बहू उन पर हुकुम चलाएगी| तीस साल उन्होने इस घर को संजोया है, एक दम से मुझे नहीं सौंप सकती| उन्हें लगता है कहीं उनकी जरूरत फिर किसी को नहीं रहेगी इसलिए बस ऐसी हो गयी हैं| और फिर मुझे क्या करना है, बस इतना ही तो बोलना है|"
दोनों सहेलियाँ साथ में बोली "आगे से ध्यान रखूंगी" और हंसने लगी|
तभी सासू माँ की आवाज आई "बातें ही करती रहोगी या खाना भी मिलेगा?"
तीनों बैठकर खाना खाने लगे| सासू माँ ने बोला करेले की सब्जी मैंने बतायी, थी वैसे बनाती तो ज्यादा अच्छी बनती|
प्रीति मुस्कुराते हुए बोली "अगली बार ध्यान रखेगी" और रश्मि को आँख मार के हंसने लगी|
