Kumar Vikrant

Comedy

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भानुमति का पिटारा

भानुमति का पिटारा

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अपने छह महीने के अल्प से कार्यकाल में पी टी टीचर भानुमति अपने मधुर व्यवहार की वजह से कॉलेज की हर लड़की की फेवरेट बन चुकी थी। वो अभी मुश्किल से ४५ साल की थी लेकिन योगा और दूसरी एक्सरसाइज़ करके वो खुद को बिलकुल फिट रखती थी । भले ही उसका चेहरा ज्यादा खूबसूरत न था लेकिन उसकी स्लिम-ट्रिम फिगर को देख कर ज्यादातर टीचर्स ठंडी आहे ही भरती थी।

काश! हमे भी ऐसी फिजिक मिल जाये !

कालेज की तीन छात्राएं इना, मीना और शीला कई दिन से भानुमति मैडम के कॉलेज न आने से आश्चर्यचकित थी।

"यार मैडम के बिना कॉलेज सूना सा लग रहा है........" इना अपना बुक्स बैग उठा कर बोली।

"लग तो रहा है लेकिन जब वो सिक लीव पर है तो हम क्या करे?" शीला अलसाई आवाज में बोली।

"गाइज चलो उन्हें देखने चलते है........" मीना थोड़े उत्साह के साथ बोली।

"नहीं यार मम्मी बहुत नाराज होगी लेट घर जाने पर, लेकिन मैडम को देखने की बहुत इच्छा हो रही है।" इना उदासी के साथ बोली।

"तो कल कॉलेज से बंक मार के चलते है......" शीला ने सुझाव दिया।

"नहीं रे इस बात से भानुमति मैडम भी नाराज हो जाएगी।" मीना ने ठंडी सांस लेकर कहा।

"तो अभी कल के लिए लीव एप्लीकेशन देते है और पेरेंट्स से परमिशन लेकर उनसे मिलने जाते है.......न, न कोई बीच में नहीं टोकेगा; पहली बात तो ये है कि पेरेंट्स परमिशन दे देंगे और नहीं देंगे तो प्रोग्राम कैंसल।" शीला ने जोश के साथ कहा।

प्लान कामयाब रहा अगले दिन सुबह के १० बजे इना, मीना और शीला भानुमति मैडम के पास बैठे उनका हाल पूछ रहे थे।

"हाल तो खराब है बेटा, सेहत से ज्यादा इज्जत खराब होने का खतरा है अब तो......" भानुमति मैडम अपना सिर पकड़ते हुए बोली।

"क्या हुआ मैडम?" इना ने थोड़ा सकुचाते हुए पूछा।

"तुम तो बच्चियां हो तुम्हे क्या बताऊ......" भानुमति मैडम ने उन तीनों की और देखते हुए कहा।

"तो मत बताइये........" शीला ने तपाक से जवाब दिया।

भानुमति मैडम ने शीला को घूर कर देखा लेकिन फिर ठंडी आह भरकर बोली, "तुम्ही लोगो की उम्र की थी जब मै मोहब्बत के जाल में फंस गई थी।

लड़कियों ने भानुमति मैडम की और गौर से देखा- ये मूँह और मसूर की दाल, ये भी मोहब्बत के जाल में फंसी थी अपना ब्रेड जैसा मुँह लेकर।

"मैं अमेरिका में ह्यूस्टन में अपने अंकल के पास रह रही थी और वो नौजवान भी मुझे वही मिला था।"कौन कम्बख्त फंस गया था इसके चक्कर में! लड़कियों ने आँखों ही आँखों में मुस्करा कर एक दूसरे को देखा।

"बस उस नौजवान ने हम दोनों की कुछ तस्वीरें खींच ली, आज वही तस्वीरें मेरी जान का बबाल बन चुकी है।" भानुमति मैडम ने रोने जैसी आवाज में कहा।

"ये तो गलत हुआ आपके साथ.......अच्छा अब हम चलते है।" इना ने मीना का हाथ पकड़ कर उठते हुए कहा।

"बैठो मेरी बच्चियों लेकिन अगर तुम तीनों चाहो तो जो गलत हुआ था वो सही भी हो सकता है।" भानुमति मैडम ने उनके हाथ पकड़ कर पूछा।

"वो कैसे......?" शीला ने उत्सुकता से पूछा।

"मेरा वो आशिक अब यही गुलफाम नगर में रहता है।" भानुमति मैडम ने फुसफुसा कर कहा।

"कौन है वो महान हस्ती?" तीनो लड़कियों ने उत्साह के साथ पूछा।

"छक्कन दादा......." भानुमति मैडम ने तीनो की आँखों में देखते हुए कहा।

"छक्कन दादा......वो अमेरिका गया भी था कभी?" इना ने आश्चर्य से पूछा।

"बिलकुल गया था वो अमेरिका, लेकिन वहाँ उसका नाम छैल छबीला था, यहाँ आकर वो छक्कन दादा बन गया है।"

"छैल छबीला और भानुमति वाह क्या लव स्टोरी रही होगी......." मीना ने खुद से ही कहा।

"तो लड़कियों क्या मदद करोगी की मेरी?" भानुमति मैडम ने पूछा।

"हम क्यों........मतलब हम कैसे मदद कर सकते है? शीला ने नाक सिकोड़ कर पूछा।

"मैंने वो फोटो उस से हथिया कर को अपने बहुत से सामान के साथ एक लकड़ी के पिटारे में रख कर अपने कमरे में छिपा कर रख दिया था, लेकिन एक दिन छक्कन दादा वो पिटारा मेरे कमरे से चुरा लाया.......मुझे लगता है कि वो पिटारा उसने अपने तबेले के स्टोर में छिपा कर रखा हुआ है.......अब तुम उसके घोड़ों के तबेले के पीछे बने कमरों में तलाश कर के वो पिटारा मुझे ला दो, मेरी इज्जत बच जाएगी।" भानुमति मैडम गिड़गिड़ा कर बोली।

"ना बाबा ना, बहुत खतरनाक आदमी है वो, तुम खुद ही कर लो ये चोरी......" तीनो लड़कियों ने अपने सिर हिलाते हुए कहा।

"बेटा मैं आज लाचार पड़ी हूँ, अभी छक्कन दादा को मेरे यहाँ आने का पता नहीं है नहीं तो वो अब तक मेरी इज्जत का जुलूस निकाल देता। प्लीज वो पिटारा मुझे ला दो मैं समझूंगी तुमने मुझे गुरु दक्षिणा दे दी।"

"गुरु दक्षिणा......पूरे साल की एडवांस फीस भरी है पापा ने।" मीना आश्चर्य के साथ बोली।

"बहुत मजबूर हूँ बेटा, इस टाइम छक्कन दादा खाना खाने अपने घर गया होगा, जाओ उठा लाओ वो पिटारा।" भानुमति मैडम रोते हुए बोली।

"अच्छा रोवो मत, अभी उठा लाते है......" शीला ने तपाक से कहा और तीनो उठ खड़ी हुई।

"अब तुमने पिटारा उठा कर लाने की बकवास तो कर दी, लेकिन उठा कर कैसे लाएंगे वो पिटारा?" इना मैडम के घर से बाहर आकर गुस्से से बोली।

"अरे भोली बन्नो; छक्कन दादा मेरा पडोसी है, वो अपने खच्चर लेकर किसी फिल्म की शूटिंग के लिए दिल्ली गया है, उसका तबेला खाली पड़ा होगा......."

इना और मीना चुप रही, थोड़ी देर बाद वो तीनों शहर की रिंग रोड पर बने छक्कन दादा के घोड़ों के तबेले के सामने खड़ी थी। मेन गेट पर ताला पड़ा था, उन्होंने इधर-उधर देखा और पाँच फिट ऊँची चार दीवारी से कूद कर वो तबेले का अहाते में आ गई। थोड़ी देर बाद वो तीनों तबेले के पीछे बने स्टोर रूम में थी, काफी तलाश के बाद उन्हें वो लकड़ी का पिटारा मिल ही गया।

पिटारे में ताला नहीं था, तीनों ने धड़कते दिल से पिटारा खोला। पिटारे बहुत सारी ब्लैक एंड व्हाइट फोटो थी; ज्यादातर फोटो १४ या १५ साल के एक लड़के और लड़की की थी। किसी फोटो में वो हाथ थामे थे, किसी में झूला झूल रहे थे, किसी में नाच रहे थे, फोटो के साथ बहुत सारे कार्ड भी थे जिनपर अमेरिकी बेसबाल खिलाडियों के फोटो छपे हुए थे। बहुत तलाश करने पर भी ऐसी कोई फोटो न मिली जिससे किसी की इज्जत दांव पर लगे।

"यार इन फोटो और इन कार्ड्स को देख कर लग रहा है कि ये सब सदियों पुराने है; अब ये सारा सामान इस पिटारे में भरकर पिटारा लेकर यहाँ से निकलते है।" इना ने डरते हुए कहा।

अगले दिन वो तीनों जब कॉलेज पहुंची तो वहाँ कोहराम सा मचा हुआ था, भानुमति नाम की एक पी टी टीचर प्रिंसिपल के ऑफिस में अपना अपॉइंटमेंट

लेटर लिए हाजिर थी और बीमार भानुमति मैडम शहर से गायब हो चुकी थी। एक घंटे में साबित हो गया कि पहले वाली भानुमति मैडम एक फ्रॉड थी जो फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर के दम पर नौकरी कर रही थी।

लड़कियां इन हालात से चिंतित हो उठी, वो डर गई कि उन्होंने उस फर्जी मैडम के चक्कर में पड़ कर छक्कन दादा के तबेले से वो पिटारा चोरी करके उस फर्जी मैडम को दो दिया था।

कुछ दिन बाद उन्होंने एक लोकल न्यूजपेपर में छक्कन दादा से जुडी एक खबर पढ़ी कि-

छक्कन दादा के अमेरिकी प्रवास के समय उसने बहुत से बेसबाल कार्ड इकट्ठे किये थे जिनकी आज बहुत कीमत है, उन्हें चोरी करने का प्रयास किया गया, चोर कुछ कार्ड चुरा ले गए थे, चोरी गए कार्ड दो कोड़ी कीमत के भी न थे। छक्कन दादा को पूरा विश्वास था कि उसके तबेले में चोरी का प्रयास झूमिया नाम की अंतर्राष्ट्रीय ठग ने किया होगा।

छक्कन दादा को उम्मीद थी की उसके कार्ड चोरी करने की फिर कोशिश होगी तब वो झूमिया को पकड़वा कर जेल पहुंचा देगा।

"हे भगवान ये क्या कर बैठी हम......." इना और मीना पछताते हुए कहा।

"अरे जब कीमती कार्ड चोरी हुए ही नहीं तो क्या डरना, आगे से होशियार रहना है बस, चाटने दो भानुमति को अपना पिटारा।" शीला ने हँसते हुए कहा।


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