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Chandni Kashyap

Horror Romance Fantasy

3  

Chandni Kashyap

Horror Romance Fantasy

भाग-5(अमावस की रात )

भाग-5(अमावस की रात )

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अब तक आप सभी ने कुसुम और आकर्षी के जन्म के बारे मैं पढ़ा और राजकुमार और कुसुम की पहली मुलाकात के बारे मैं भी अपने पढ़ा अब आगे ।


लेकिन शाही पुजारी की पत्नी एक मां होने के वजह से सब कुछ नजर अंदाज करके अपनी दूसरी बच्ची यानी की आकर्षी को भी बहुत प्यार से पालती हैं। दोनों बेटियों को एक जैसा प्यार करती हैं कभी भी कोई भेद भाव नही करती । एक दिन की बात हैं शाही पुजारी की पत्नी खाना बना रही होती हैं। 


उसी वक्त एक सांप उसके वहां आ जाता हैं और वो पास खड़ी आकर्षी के पास चला जाता हैं। शाही पुजारी की पत्नी जल्दी से भाग कर आकर्षी के पास जाती हैं लेकिन तब तक वो सांप आकर्षी के पैर से लिपट जाता हैं। आकर्षी उस सांप को अपने हाथों से उपर उठा कर उसका सर पकड़ कर जमीन पर उसे जोर जोर से मारती हैं।


इससे वो सांप वही मर जाता हैं ये सब देख कर अकर्षी की मां वही बिहोस हो जाती हैं। थोड़ी देर के बाद वहां पर कुसुम आती हैं जब वो मां को वहां बिहाेस हुआ देखती हैं। तो वो अपने पिता को बुलाकर लाती हैं। अब शाही पुजारी अपनी पत्नी को होश मैं लेके आता हैं। तब उसे सारी बातें पता चलती हैं तो वो अकर्षी को अपने पास बुलाता हैं और अपने साथ जंगल मैं ले जाता हैं।


जब दोनों जंगल पहुंचते हैं तो शाही पुजारी एक जगह जाके कुछ जड़ी बूटियां तोड़ने के लिए आकर्षी को बोलता हैं। जब सभी जड़ी बूटियों को आकर्षी तोड़ लेती हैं। तो फिर दोनों वापस अपने घर आ जाते हैं। फिर अगले दिन जब दोनों बहने बाहर तालाब के पास घूमने गई हुई थी तो । शाही पुजारी जी अपनी पत्नी को बताते हैं की हमारी 2 बेटियां हैं लेकिन हमारा भाग तो देखो। 


एक बेटी इंसानी रूप मैं बहुत जहरीली खतरनाक हैं लेकिन खूबसूरत हैं। दूसरी दिव्य शक्तियों से भरी हुई और शांत मनमोहक हैं। लेकिन फिर भी दोनों मैं से किसी का भी हम विवाह नही कर सकते । शाही पुजारी की पत्नी आप ये क्या बोल रहे हैं हमारी बेटियों के बारे मैं। 


शाही पुजारी, कल मैं आकर्षी को जंगल लेके गया था ।वहां पर जो सब से जहरीली जड़ी बूटियां थी जिसको छुने से ही इंसान के शरीर मैं जहर फैल जाता हैं। लेकिन आकर्षी को कुछ भी हुआ और उसने बहुत ही आसानी से सभी जड़ी बूटियों को तोड़ कर मुझे दे दिया। 


कुसुम एक दिन मंदिर मैं बिना तेल के ही दीपक को जला रही थी अपनी शक्तियों से और उसने कल हमारे राज्य के राजकुमार की भी जान बचाई हैं। दिव्य कन्या होने की वजह से उसकी शादी नहीं करवा सकते उसे दिव्य रक्षिका बना दिया जाएगा महाराज की आदेश अनुसार। एक विष कन्या होने के वजह से उसकी भी किसी इंसान से शादी नहीं हो सकती। 


ये सब सुन कर शाही पुजारी की पत्नी बहुत दुखी हो जाती हैं और रोने लग जाती हैं। कुसुम तालाब के पास से घर वापस लौटकर आ जाती हैं लेकिन आकर्षी अभी भी वही बैठी रहती हैं। थोड़ी देर मैं वहां से कुछ सैनिक राजकुमार के साथ वहां से गुजरते हैं। जब अकर्षी की नजर राजकुमार पर पड़ती हैं तो वो उसको पहली ही नजर मैं अपना दिल दे बैठती हैं।


लेकिन राजकुमार उसको देख कर भी अनदेखा कर के आगे बढ़ जाता हैं। क्योंकि उसकी नजर और दिल तो बस कुसुम के लिए ही बेचैन हो रहे होते हैं। अकर्षी को राजकुमार का यूं अनदेखा करना बहुत बुरा लगता हैं। फिर वो भी गुस्से से वहां से घर चली जाती हैं। कुछ दिन ऐसे ही बीत जाते हैं एक दिन राजकुमार सुबह सुबह घूमने के लिए निकलते हैं।


वो घूमते घूमते नाग पहाड़ी पर पहुंच जाते हैं। लेकिन उनको ये नही पता होता की यहां कोई इंसान नही रहता और न कोई इंसान यहां जाता हैं। वो बहुत थक चुका होता हैं इसलिए वो एक जगह जाके बैठ जाता हैं। थोड़ी देर तक ऐसे बैठे रहने के बाद उसे प्यास भी लग जाती हैं। 


आगे जानेंगे की नाग पहाड़ी मैं राजकुमार के साथ क्या होता हैं और अब आकर्षी गुस्से मैं क्या करेगी ।


क्रमशः



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