बच्चे का मौन

बच्चे का मौन

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रमा एक बात से बहुत परेशान थी ।उसकी कक्षा में ध्रुव नाम का एक बच्चा जो कभी मुस्कुराता ही न था ।

उसने ध्रुव को कभी किसी बच्चे के साथ खेलते, बातें करते न देखा। रमा बहुत कोशिश करती कि वह उससे बात करें ,उसके मन मे जो चल रहा है वह जान पाए । मगर वह था कि चुपचाप बैठा रहता ।कभी किसी से कुछ ना कहता ।

रमा जो भी काम कराती ,काम करके कॉपी चेक करा लेता ,लेकिन रमा के जेहन में हमेशा यही चलता कि वह कभी किसी से बात क्यों नहीं है ।

 रमा ने यह बात अपनी प्रधानाचार्य व अपनी सहअध्यापिकों से भी बताई ।

उन्होंने बोला हो सकता है की कक्षा में उसको कुछ पसंद ना हो । उसको थोड़ा टाइम लग रहा ,या वह थोड़ा समय लग रहा हो।

सत्र को प्रारंभ हुए 6 महीने बीत महीने चुके थे रमा फिर भी अपनी जी तोड़ कोशिश में लगी रही कि वह ध्रुव को हंसा सके ,उससे बात कर सके ।

लेकिन ध्रुव था कि किसी से भी बात ना करता। रमा ने हार कर पैरंट टीचर मीटिंग में ध्रुव के माता-पिता को यह बात बताई । ध्रुव की मां ने कहा ध्रुव घर पर भी ऐसा ही है। वह किसी की भी बात नहीं मानता ।

रमा अभी भी अपनी उधेड़बुन में लगी रही ।एक दिन बच्चों को खेल खिलाते हुए ध्रुव गिर गया और जोर से रोने लगा।

 रमा उसको स्कूल की नर्स के पास लेकर गई और काफी देर उसके पास बैठी रही।

नर्स ने दवाई लगाई और वहां से चली गई ।रमा ने ध्रुव को गोद में लिया ।उसको पानी पिलाया रमा ने पूछा क्या तुम्हें खेलना अच्छा नहीं लगता ?हंसना अच्छा नहीं लगता ?

ध्रुव ने बोला मैं हंसना चाहता हूं। मगर हंसी अ नहीं आती ।रमा ने पूछा क्यों ? ध्रुव ने कहा घर में मां मुझे कहती है वह मुझे संसार में लाना नहीं चाहती थी मेरे कारण उसका कैरियर, उसका ऑफिस सब बंद हो गया। अब वह समय फोन पर लगी रहती है ।गेम खेलती है। मुझ पर गुस्सा करती है ।वह कहती है जब से मैंआया हूँ उसका पूरा भविष्य चौपट हो गया।

 पापा और मां दोनों में झगड़ा होता है ।पापा को यही कहती है कि इसीलिए वह मुझे जन्म देना नहीं चाहती थी।

अभी हमें अपना भविष्य सवारना है।

 मैंने पापा से भी पूछा क्या मेरे कारण मां दुखी रहती है पापा ने कहा नहीं वह मुझे बहुत प्यार करती हैं।

रमा जो अब तक ध्रुव की बात सुन रही थी वह गंभीर हो ग ई।उसने ध्रुव को समझाया मां तो मां होती है ।

हर मां अपने बच्चे से बहुत प्यार करती है ध्रुव को समझाने की उसकी कोशिश नाकाम रही। ध्रुव ने बताया कि बच्चे अपनी मां के बारे में बातें करते हैं "आज मेरी मम्मी ने यह बनाया", "मम्मी ने वह किया"," मेरी मम्मी मेरा इंतजार करती है ",मगर मेरी मां जब मैं उनके पास जाता हूं तो मुझे डांट कर भगा देती है। वह मुझे प्यार नहीं करती, क्योंकि वह खुद ही कहती है कि मेरे कारण उसका भविष्य चौपट हो गया।

 रमा जो अब तक तक ध्रुव को ध्यान से सुन रही थी अब स्वयं ही मौन बैठी है।


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