बारात
बारात
परी एक मध्य वर्गीय कुटुंब की लड़की। उसकी शादी एक नौजवान प्रदीप नामक लड़का से तय हुई।
ससुराल वालों ने डौरी के नाम से कुछ भी नहीं पूछा, लड़की के माँ-बाप बहुत खुश होकर बिना पूछताछ कर शादी के साकी काम करते हैं।
एक दिन सास और ससुर दोनों आकर पापा से बात करते हैं। हमको कुछ भी नहीं चाहिए लेकिन एक शर्त है आप बारात तो धूमधाम से करना है।
पापा कमलेश तो पहले घबरा गए। बाद में शांत होकर जो कुछ हाथ में हुए सारे पैसे अपने घर बेचकर शादी धूमधाम से की।
शादी के पहले दो दिन से घर में रिश्तेदारों से बहुत खुश है। मेहंदी डालने से लेकर बारात तक बहुत धूमधाम से कोई अमीर की शादी की जैसे किया। बेटी अपनी ससुराल में इज्जत से रहना है इसलिए हर माँ बाप है या नही लेकिन शादी तो बहुत ध्यान से करेंगे। यह ही भारत का संस्कृति है।