बाबूजी
बाबूजी
सुप्रभात कैसे है आप लोग ?
आशा करती हूँ कि आप लोग कुशल मंगल से होगे से होगें जी हाँ ठीक ठाक अपने घर में सुरछित होगे,आज सवेरे सवेरे वाक पर बाबूजी से मुलाकात हुई, बाहूजी दो बेटों के पिता, बेटियों का विवाह आदि कर चुके है,
पर नााकारा बेटों के साथ जीवन बिता रहे हैं, सारे परिवार, का दायित्व निभा रहे है अपना मकान भी छोटे भाइयों ने कब्ज़ा कर रखा है कितनी विवसता,
ना वह जी पा रहे ना मर पा रहे है घुटनों में भी तकलीफ कैसी विवसता कितना संकट भरा जीवन,बहुत ही मजबूरी भरी जिंदगी यह कैसा जीवन हर समय अवसाद से घिरे हुये, बहुत दुख होता है जब उनको उदास देखती हूँ समझाने के अलावा और किया क्या जा सकता है।