अपने पैर कुल्हाड़ी मारना
अपने पैर कुल्हाड़ी मारना
एक गाँव में एक व्यक्ति रहता था। जिसका नाम पवन सोलंकी था..पवन सोलंकी घर से काफी अच्छा था, उसके घर खेती थी। लेकिन फिर भी उसको पत्ते खेलने की लत लग गई थी। पवन को पत्ते की लत ऐसी लग गई थी कि पवन अपने खेत की फसल बेचकर सब पैसे से पत्ते जुए खेलने जाता और उसमें हार जाता था।
उसे उसके घरवालों ने और उसके दोस्तों ने जैसे सेलू भाइयों आदि सब ने बहुत समझाया कि तू पत्ते मत खेले और अपना घर बसा ले शादी कर ले लेकिन उसकी कुछ भी समझ में नहीं आया और अंत में जुए में वह अपना घर के बाहर गया और अब दूसरों के खेतों में मजदूरी करने जाता है। इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अगर मनुष्य चाहे तो अपनी किस्मत खुद बना सकता है नहीं तो पवन की तरह जुड़े सत्य में हर कर अपना सब कुछ बर्बाद कर सकता है। इसीलिए कहा जाता है कि जुए सट्टे में पढ़कर आ बैल मुझे मार।