साथी हाथ बढ़ाना
साथी हाथ बढ़ाना
एक समय की बात है जब एक शख्स एक गांव में रहता था। उस गांव में एक से दूसरी जगह जाने की बहुत समस्या थी क्योंकि उनके यहां से वहां जाना रास्ते में पहाड़ पड़ता था
उस व्यक्ति ने सोचा कि क्यों ना गांव वाले सब मिलकर इस पहाड़ को तोड़ कर सीधा रास्ता कर ले। इस पर गांव वाले उसे हंसने लगे और किसी ने उसका साथ नहीं दिया
उस वक्त वह अकेला पड़ गया था फिर एक समझदार व्यक्ति आया और उसने कहा कि दोस्त मैं तुम्हारे साथ हूं
तो उसने कहा कहा कि हम दोनों मिलकर क्या कर लेंगे।
तभी उस सामने वाले व्यक्ति ने कहा कि हम एक और एक दो नहीं बल्कि एक और एक ग्यारह बन कर काम करेंगे और इस तरह उन्होंने अपनी मेहनत लगन ईमानदारी और सच्चाई से आखिर एक दिन उस पहाड़ को खत्म कर वहां से रास्ता बना दिया।
और यह गांव वालों के सामने मिसाल पेश की एक और एक मिल जाए तो वह दो नहीं बल्कि 11 हो जाते हैं।
