जुनून
जुनून
एक छोटे से गांव में एक बालक रहता था. वह बचपन में अपने गांव में ही स्कूल जाता था .और जब भी कोई उसे पूछता था कि उसे क्या करना है .तो उसका एक ही जवाब होता था कि मुझे बड़ा होकर साइंटिस्ट बनना है. मुझे बड़ा होकर साइंटिस्ट बनना है. जब भी कोई उसका यह जवाब सुनता तो उस पर हँस देता और कहने लगता है कि तुम एक छोटे से गांव में रहते हो एक छोटी सी स्कूल में जाते हो तुम क्या साइंटिस्ट बन पाओगे वह लड़का उन लोगों की बातों को सुनकर निराश नहीं होता था।। बल्कि मन ही मन में अपने आप को प्रेरित करता था, कि एक ना एक दिन में जरूर कुछ करके दिखाऊँगा आखिर उसकी मेहनत रंग लाई। अच्छे नंबर से पास हुआ और फिर शहर पढ़ाई करने के लिए चला गया और अपनी मेहनत ,लगन व इमानदारी से उसने आखिरकार एक दिन वो मुकाम हासिल कर लिया और वह साइंटिस्ट बन गया। कहने का आशय है ,शुरुआत बड़ी या छोटी नहीं होती सिर्फ शुरुआत करने की जरूरत होती है।
