समझदार
समझदार
एक गांव में एक ईमानदार सच्चा और मेहनती व्यक्ति रहता था. लेकिन उसमें एक सबसे बड़ी कमी थी कि वह खुद के निर्णय नहीं लेता था. एवं सदैव उसके साथ एक व्यक्ति रहता था जो उसी के कहे अनुसार वह कार्य करता था. जिस कारण वह इतना अच्छा और योग्य होने के बाद भी कई बार उसके नुकसान उठा चुका था. उसे कई बार समझाया भी गया कि, ‘तुम बहुत अच्छे हो और इस व्यक्ति का साथ मत दो, किसके हाथों की कठपुतली बनकर मत रहो.’ लेकिन उसे फिर भी समझ में नहीं आता था और जिस तरह वह व्यक्तिगत आता सीधा-साधा व्यक्ति उसी की तरह अनुसरण करता रहता था. और इस तरह समाज में एक अच्छे व्यक्ति से बुरे व्यक्ति के रूप में सामने आ रहा था. तभी एक बुद्धिमान ऋषि मुनि की मुलाकात उससे हुई और ऋषि मुनि की बात बोलने पर उसे सच में यकीन हुआ और उसने उस व्यक्ति की बात सुनना छोड़ दिया और खुद का दिमाग लगाकर और देखते-देखते एक दिन उसने फिर से समाज में वह मुकाम हासिल कर लिया जिसका वह हक रखता था.