अपना - पराया
अपना - पराया
वृद्धाश्रम में नई नई आई विमला जोर जोर से रो रही थी और रोते हुए अपनी बहू को गालियां दे रही थी कि अगर उसकी बहू अच्छी होती तो वो यहां ना होती और रोज़ की तरह ही ममता ये सब देखते हुए, उसे चुप कराते हुए सोच रही थी कि अभी विमला नई नई आई है। थोड़े दिनों में वो भी मेरी तरह समझ जाएगी की जब उसकी कोख से जन्मा हुए बेटा अपना ना हो सका तो पराए खून से क्या आशा रखना और क्या गालियां देना।