अपना अस्तित्व

अपना अस्तित्व

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रमा जल्दी-जल्दी सारे काम निपटाने लगी।

कार सिखाने वाला आने ही वाला था।

रमा जल्दी से सीढ़ियां उतरी और घर के बाहर निकली। "अरे भैया आज तो आप लेट हो गए लेट हो गए आप लेट हो गए लेट हो गए" रमा ने कार सिखाने वाले से कहा।

" अरे दीदी जी ट्रैफिक जाम था" उसने जवाब दिया।

 रमा कार में बैठ गई और कार घर घर से दूर हाईवे पर ले गई। रमा धीरे-धीरे कार चलाने की कोशिश कर रही थी ,अपने डर को बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी, जिसमें कहीं हद तक तक सफल भी हुई।

एक हफ्ते बाद कार सिखाने वाले भैया ने कहा "दीदी जी अब आपको कार चलानी आ गई है अब अपनी कार पर प्रैक्टिस करिए"।

 रमा खुश थी अब अमित उसे अपनी कार चलाने देगा।

रमा ने अमित  से कहा "अमित मुझे कल तुम्हारे साथ कार की प्रैक्टिस करने जाना है जल्दी उठ जाना"।

अगले दिन रमा ने घर के सारे काम निपटाए। अमित को जगा रही थी तभी अमित को याद आया के आज उसे आफिस जल्दी जाना था।वह रमा से बोला " मुझे आज ऑफिस जल्दी जाना है आज के लिए सारी।" रमा चुपचाप घर के कामों काम में लग गई। शाम को जब अमित ऑफिस से आया उसने रमा से कहा "मुझे 15- 20 दिनों के लिए बेंगलुरु जाना है मेरी पैकिंग कर दो"।

रमा ने गुस्से से अमित से पूछा "फिर मुझसे कार कौन चल वाएगा ? अमित ने कहा "मैं पापा से कह दूँगा ,वे तुम्हारी हेल्प कर देंगे।"

रमा ने अमित की सारी पैकिंग कर दी। अमित रात की ट्रेन से बेंगलुरु चला गया।

अगले दिन रमा ने अपने पापा जी से कहा "पापा जी मुझे कार की प्रैक्टिस करनी है आप मेरे साथ चलेंगे ?

उस पर सासू मां तुनक कर बोली कर बोली तुनक कर बोली कर बोली तुनक कर बोली सासू मां तुनक कर बोली कर बोली तुनक कर बोली कर बोली तुनक कर बोली कर बोली" अरे अब कार भी भी कार भी चलाएंगी ये देवी जी,तो घर का काम कौन करेगा ?

लेकिन इस बार रमा आत्मविश्वास से भरी हुई थी। उसने बोला "20 मिनट कार चला के आजाएगे। पापा जी चलिए, दोनों चले जाते है लेकिन जब वापस आए तो माताजी गुस्से में लाल थी। उन्हें रमा का कार सीखना कभी अच्छा ना लगा।

माताजी बोली "अरे कार क्या तेरे बाप ने दी थी जो कार को हाथ लगाती है।अपने बाप को बोल दे, तेरे लिए कार खरीद कर कार खरीद कर देंगे। उसे चला लेना ,हमारी कार को छूने की जरूरत नहीं।

रमा मन मन सोच रही थीं 15 साल इस घर मे रहने के बाद भी मेरा कुछ भी नहीं।

उसने कसम खाई जब तक अपने पैसों की कार की कार नहीं खरीदेगी। वो कभी किसी कार को हाथ नहीं नहीं लगाएगी।


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