अपना अपना आसमान
अपना अपना आसमान
सुबह से ही मूसलाधार बरसात होने से तीसरी मंज़िल की बालकनी में बैठा वह खीज उठा। छुट्टी के दिन दोस्तों के संग बनाया पिकनिक का सारा कार्यक्रम चौपट हो गया।
अपनी झोपड़ी में बैठकर कच्ची छत से टपकती बरसात की बूंदों को देखकर वह भी खीज उठा। आज फिर से दिहाड़ी जाती रही।