Shalini Dikshit

Drama Romance

3  

Shalini Dikshit

Drama Romance

अंजली का कमिटमेंट

अंजली का कमिटमेंट

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राहुल और अंजली एक साथ बैठे हैं लेकिन चुप हैं जैसे बोलने को कुछ भी नहीं है एक अजीब सी दूरी हो गई है दोनों के बीच में, यह स्वाभाविक भी है आखिर इतने साल बाद जो मिले हैं।

कितने अच्छे दोस्त हुआ करते थे यह दोनों कॉलेज के समय में, वैसे दोस्ती तो सिर्फ राहुल की तरफ से थी अंजलि को प्रेम था और है भी।

जब क्लास में राहुल ने बोला था, "प्यार दोस्ती है, अगर वह आपकी सबसे अच्छी दोस्त नहीं हो सकती तो आप उससे कभी प्यार कर ही नहीं सकते।"

तब अंजलि को विश्वास होने लगा था कि राहुल भी उसको प्रेम करता है। अचानक टीना के आ जाने से कुछ टूट सा गया था, बिखर सा गया था अंजलि के अंदर।

बेटी के समर कैंप के बहाने दोनों दस साल बाद मिले हैं, राहुल आज अकेला है, टीना इस संसार से जा चुकी है, आज राहुल अंजली को अपनाना चाहता है अंजली से विवाह करना चाहता है ,आज वह होने को है जो अंजली हमेशा से चाहती थी।

अचानक से टूटता तारा देख राहुल बोला, "वह देखो टूटता तारा......."

इस बात पर दोनों हँस पड़े।

अंजली उठ खड़ी हुई और बोली, "अब हमें सोने जाना चाहिए।"

उसके बाद अंजली अपने कमरे की तरफ चली गई।

रात गहरी होती जा रही है पर अंजली की आंखों में नींद नहीं है, हजारों विचार उसके दिमाग में है कि अब राहुल उस से शादी क्यों करना चाहता है? क्या आज टीना नहीं है तो अंजलि ही सही यह सोच है उसकी? जब उसको अंजलि से प्रेम था ही नहीं तो आज कैसे हो गया? इतने सालों तक उसने उसे ढूंढने की कोशिश भी नहीं की, टीना की मृत्यु का समाचार भी देना जरूरी नहीं समझा। वह राहुल को कभी नहीं भूली लेकिन राहुल जैसे उसको भूल गया था अगर कोशिश करता तो ढूंढ सकता था। यही सब विचार अंजलि के दिमाग में चल रहे हैं।

अब जबकि उसने अपनी माँ की खुशी के लिए अमन से शादी करने के लिए अपना मन बना लिया है, अमन के प्रेम के लिए उसने यह फैसला लिया है। अमन ने भी उसकी हाँ का कई सालों तक इंतजार किया अब अगर वह ना बोल देती है, राहुल से शादी करती है तो अमन का दिल टूट जाएगा।

लेकिन अपने पहले प्यार को अपने दर से वापस लौटा देना भी उसके लिए बहुत मुश्किल है।

सुबह उसको राहुल को अपना फैसला सुनाना है, क्या करें उसको कुछ समझ में नहीं आ रहा है। राहुल को अपने जीवन में पा लेने की सोच से ही उसका दिल बल्लियों उछल रहा है। यही सब सोचते-सोचते उसकी आँख लग गई।

सुबह सुंदर सी गोल्डन साड़ी पहनकर, अच्छे से बाल सवार के अंजली आईने में बहुत सुंदर लग रही है। अपने आपको देखकर वह शर्मा गई ।

राहुल पहले से उस बेंच पर जाकर बैठ था जहां आज मिलने का वादा था। उसने अंजलि को देखते ही हाथ पकड़कर बेंच पर बैठा लिया और बोला, "मैं सब जानता हूँ, तुम्हें मुझसे कुछ कहने की जरूरत नहीं है, तुम हमेशा मेरी थी और हो।"

"राहुल -राहुल मेरी बात सुनो मुझे कुछ कहने तो दो।"

"तुम क्या कहोगी अब?"

"तुम हमेशा यही कहते थे ना कुछ कुछ होता है, अंजली तुम नहीं समझोगी। आज मैं तुमसे कहना चाहती हूँ, बहुत कुछ होता है राहुल तुम नहीं समझोगे। हाँ राहुल, बहुत कुछ होता है। जब एक दिल टूटता है तो अंदर बहुत कुछ टूट जाता है पिछले दस सालों में मैं तुम्हारे बिना जीना सीख गई हूँ लेकिन आज मैं अमन का दिल तोड़ कर एक नई अंजलि को जन्म नहीं देना चाहती, मैं जानती हूं दिल टूटने का दर्द, मैं वह दर्द किसी को नहीं दे सकती।" अंजली ने आकाश में उड़ते पक्षियों को देखते हुए कहा।

"ऐसा न कहो, मुझे तुमसे बहुत प्रेम है।" राहुल उत्साहित सा बोला बोला।

"मैंने मां की खुशी के लिए और अमन से अपने प्रेम के लिए उससे शादी करने का कमिटमेंट कर लिया है, अब मैं उसको नहीं तोड़ना चाहती या नहीं तोड़ सकती शायद मेरी सोच यही है कि कमिटमेंट एक व्यक्ति के जीवन का आधार है और उसे कभी नहीं तोड़ना चाहिए इसलिये राहुल मैं तुमसे शादी नहीं करूंगी।" अंजलि अपनी बात कह कर वहां से चली गई ।


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