Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
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Vijaykant Verma

Inspirational Others

2.9  

Vijaykant Verma

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अंगूठी

अंगूठी

1 min
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शैलेश और रीमा एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे। शैलेश ने रीमा को एक अंगूठी दी और कहा, "यह हमारे प्यार की निशानी है।"

रीमा ने कहा, "थैंक्स शैलेश, मैं इस निशानी को हमेशा अपने पास रखूंगी।"

दूसरे दिन रीमा ने शैलेश से कहा, "तुम बहुत खुश होगी यह जानकर कि मैंने अपने मम्मी पापा से तुम्हारे बारे में बताया और उन्होंने तुम्हें कल बुलाया है।"

शैलेश बोला, "मगर क्यों..?"

रीमा, "हमारे प्यार को मुकम्मल करने के लिए।"

शैलेश, "लेकिन हम अभी शादी नहीं कर सकते!"

"मगर क्यों शैलेश, अब तो तुम्हारी नौकरी भी हो गई है। और मेरा भी बीए फाइनल इस साल हो जाएगा। तुम कल मेरे घर आ जाना।'

''नहीं रीमा अभी कुछ दिन हम लोग और इंजॉय करेंगे। फिर शादी की बात करेंगे।"

रीमा, "मुझे लगता है कि मैंने तुम को समझने में ग़लती की। यह लो अपनी अंगूठी वापस। और अब मुझसे कभी ना मिलना।" और शैलेश के उत्तर की प्रतीक्षा किए बिना ही रीमा दूर चली गई उसके जीवन से। हमेशा हमेशा के लिए..!



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