अमर शहीद निलेश
अमर शहीद निलेश
निमिषा की आज ही नीलेश से शादी हुई थी। वह निलेश से बहुत प्यार करती थी। नीलेश सेना में तैनात था ।
उसकी ड्यूटी इस समय कश्मीर में लगी हुई थी। शादी के लिए छुट्टियां लेकर के आया था ।
सब कुछ हर्ष उल्लास से चल रहा था ।
दोनों बहुत खुश थे ।नीलेश 15 दिन की छुट्टी लेकर आया था।
और उसने 10दिन अपने परिवार के साथ अपनी पत्नी के साथ गुजारने का
और दो-चार दिन बाहर घूम कर आने का प्लान बनाया था।
और बहुत ही हर्षोल्लास से था ।
शादी के बाद जब उन लोगों की सुहागरात होने को थी ।
उससे थोड़ी सी देर पहले निलेश को उसके हेड क्वार्टर से फोन आता है , कि हजरत बाल गंज दरगाह को आतंकवादियों ने घेर लिया है ।
अंदर घुस गए हैं । तुम जैसी भी स्थिति में हो फौरन आओ ।वह उसी समय अपनी पत्नी को बहुत समझा-बुझाकर, घरवालों को बहुत समझा बुझाकर वहां से निकल जाता है । और हजरतगंज दरगाह में आतंकवादियों को सफाया करते हुए हुए चार आतंकवादियों को मार कर बाहर निकल रहा होता है ।
तब पता नहीं एक छिपे हुए आतंकवादी नें कहां से उसको गोली मार दी ।
और वह शहीद हो गया ।
अमर शहीद जब तिरंगे में लिपट कर घर आया तब सकी बीवी और घरवाले और गांव वाले पहले तो बहुत दुखी हुए।
मगर फिर उसकी पत्नी निमिषा ने प्रण लिया कि वह भी सेना में भर्ती होगी ।
और अपने पति का अधूरा काम पूरा करेगी । आतंकवादियों का सफाया करेगी,
और बोली मेरे को गर्व है कि मैं अमर शहीद नीलेश की पत्नी हूं। उसके परिवार वाले और गांव वाले सब उसके निर्णय का स्वागत करते हैं कालांतर में नीलेश की पत्नी निमिषा सेना में बहुत अच्छे पोस्ट पर नियुक्त की जाती है और वे आतंकवादियों के विरुद्ध लड़ने में और उनका सफाया करने में कामयाब भी होती है।
