Mukta Sahay

Inspirational Others

5.0  

Mukta Sahay

Inspirational Others

अमानवीय आचरण का श्राद्ध

अमानवीय आचरण का श्राद्ध

3 mins
408


रिनी लगभग छः महीने बाद घर में आइ है। पढ़ाई के लिए वह घर से दूर दिल्ली में रहती है। कई बात तो होली दीवाली भी नहीं आती है अगर पढ़ाई से सम्बंधित कोई दौरा या सम्मेलन आ जाए तो। ऐसे में जब वह छः महीने बाद आइ तो घर वाले इंतज़ार में बैठक में जमा थे। रिनी का संयुक्त परिवार है और वह घर की बड़ी बेटी, साथ ही सबकी लाडली। और रिनी का लाड प्यार मिलता था उसकी दादी को, दादी जिनकी पूरा घर ही उपेक्षा करता था। रिनी के सिवा कोई भी उन्हें याद नहीं करता चाहे कोई त्योहार हो या समारोह। दादी घर के कोने में बने अपने कमरे में पड़ी रहती थीं। घर का सबसे पहला बच्चा होने के कारण शायद रिनी दादी के हाथों ही पली बढ़ी थी। घर में आते ही रिनी कहती है मुझे श्राद्ध करना है दादी का, चाचा जल्दी से पंडित जी को बुलाइए और चाची सभी परिचित को बुलाने का प्रबंध करिए। माँ आप भी चाची के साथ मिलकर लोगों की सूची बना लें। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। रिनी फिर बोली दादी का श्राद्ध हम लोग बहुत ही धूम धाम से करेंगे। पूरे शहर को याद रहने वाला।

अब रिनी के पिताजी से नहीं रहा गया और वह बोले "क्या बकवास किए जा रही हो रिनी। दादी अभी हमारे बीच है फिर ये सब क्या लगा रखी हो। तबियत तो ठीक है ना।" रिनी ने कहा "हाँ ! मेरी तबियत को क्या होना। अभी दीवाली में सभी के फ़ोटो मुझे देखने को मिला पर दादी कहीं नहीं थी। मैंने पूछा तो आप लोगों ने कहा दादी सो रही है। आपको याद होगा उस दिन मदन भाई आए थे आप सब से मिलने। मैं नहीं थी तो उन्होंने मुझे ऊपर छत पर जा कर फोन लगाया और पटाखे छोड़ने की बात पर मुझे छेड़ा। तो फिर मैंने विडीओ क़ौल किया और पटाखे दिखाए साथ ही दादी से भी बात करवाई तो पता चला क्या चल रहा था यहाँ।"

"जब दादी मरेगी तो आप सब पूरी दुनिया को दिखने के लिए श्राद्ध पर लाखों ख़र्च करेंगे पर अभी कोई उनसे बात भी नहीं करता। आप बताइए पिताजी आपने कितने दिनों पहले दादी से बात करी है या उनको देखा है। महीनों हो गए होंगे। चाचा आप बताएँ, माँ और चाची आप बताएँ। ऐसे में आप लोगों को नहीं लगता उनका श्राद्ध कर उनके वृद्धाआश्रम में रख आए। कम से कम अपने जैसे लोगों के साथ अपना मन तो हल्का करेंगी।"

सभी नज़रें चुराए रिनी की बात सुन रहे थे। आज यहाँ सच में वहाँ खड़े लोगों के चेतना पर चोट हो रही थी और शायद उनके अमानवीय आचरण का श्राद्ध एवं पिंड तर्पण भी हो रहा था।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational