"अभ्युदय "

"अभ्युदय "

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800 किलोमीटर दूर से एक अध्यापक नौकरी करने आता है,अपरिचित जगह, अपरिचित लोग ।धीरे-धीरे वह वहां की भौगोलिक, सामाजिक सभी प्रकार की परिस्थितियों से भिज्ञ होने लगता है। 

उसे महसूस होने लगता है कि वो लोग उससे मन ही मन ईर्ष्या करते है ,उसे नीचा दिखाने का प्रयास करते है, कारण मात्र एक था वहां सबसे ज्यादे पढ़ा -लिखा होना। 

विद्यालय में सम्भवतः पंद्रह कर्मचारी थे, अचानक एक दिन सक्षम लोगों द्वारा निर्णय लिया जाता है कि सर्वश्रेष्ठ अध्यापक का चुनाव होगा जिसमें विद्यालय के छात्र-छात्रा वोट करेंगे,इस निर्णय का कारण अबूझ ही बना रहा। 

विद्यालय 6th से 12th तक संचालित था। नया अध्यापक 6th से 8th तक पढ़ाता था। वोटिंग पूरे विद्यालय के छात्रों द्वारा सभी अध्यापकों के लिए करना था। 

वोटिंग का दिन जो सक्षम लोगों ने निर्धारित किया था वो आ गया। एक बक्सा रखा गया, जिसमें लगभग 350 बच्चों को पर्चियों के माध्यम से मत देना था, उन्हें अपने पसंदीदा अध्यापक का नाम पर्ची पर लिख कर बक्से में डालना था। 

अध्यापकों से बोला गया कि आप सभी क्लास में जाकर बच्चों से अपने पक्ष में वोट अपील कर सकते है। सभी अध्यापकों ने अपना-अपना प्रयास किया, बहुतेरे क्लास- टीचरो ने अपने-अपने क्लास पर विशेष ध्यान दिया। 

नया अध्यापक जूनियर सेक्शन के एक क्लास का क्लास टीचर था, उसने भी अपने बच्चों से कहा और अन्य क्लासरूम में भी अपने पक्ष के लिए अपील की। 

वोटिंग शुरु हो गई, क्रम से लाइन लगाकर बच्चे अपने पसंदीदा अध्यापक का नाम पर्ची पर लिखकर बक्से में डालने लगे। ये क्रम लगातार चलता रहा, इसमें समय लगा। 

वोटिंग समाप्त हो चुका था, सक्षम लोग आकर उस बक्से को उठा कर ले आए , सभी अध्यापकों को बिठाया गया ,अलग-अलग पर्ची अध्यापकों की, की गई। 

इन्टर के एक अध्यापक के पक्ष में बच्चों द्वारा जिंदाबाद का संबोधन शुरु भी हो गया, वो अध्यापक अंदर से प्रसन्न भी दिख रहे थे,वो गंभीर होकर बच्चों को बाहर जाकर मना भी कर आए। 

मत गिनती शुरु हो चुकी थी, कुछ 0 वोट पाए, कुछ 5 से 20 के अंदर सीमित हो गए, बचे तीन अध्यापक। एक 9th के क्लास टीचर, एक नया अध्यापक, एक जिनका जिंदाबाद लगा रहा था। 

कुछ का बंडल ऐसा दिखता था जैसे सारे वोट उन्हीं को मिला हो, नया अध्यापक समझ गया कि आज निर्णय नकारात्मक होंगे। 

जिनका जिंदाबाद लग रहा था उनका बंडल समाप्त हो गया 77 वोट उनको मिले थे। अब रह गए थे दो अध्यापक 9th वाले और नया अध्यापक। 

फिर मत गिनने का कार्य शुरु हुआ अधिकांश लोग अंदर ही अंदर लोकल जीत की अभिलाषा रखते थे, कुछ एक को नए अध्यापक से सहानुभूति थी। 9th वाले को मिले 113 वोट और उनका भी बंडल समाप्त हो गया। 

अब तक नए अध्यापक का बंडल गिना जा रहा था, जिसे मिले 126 वोट, इस प्रकार मत नए अध्यापक के पक्ष में चला गया। 

अब कुछ अध्यापक कहने लगे ये सब करने की क्या जरूरत थी ,कुछ कहने लगे कि घोषणा होने पर गलत प्रभाव जाएगा, कुछ तो रोने लगे बस उन्होंने आंसू रोक रखा था। उन्होंने मिलकर निर्णय लिया कि स्कूल के क्लास फोर्थ कर्मचारी को सर्वश्रेष्ठ अध्यापक का पुरस्कार दे दिया जाय। 

विद्यालय के एक कार्यक्रम में उन्होंने ऐसा किया भी, क्लास फोर्थ कर्मचारी को पुरस्कृत कर, लेकिन एक अभ्युदय हो चुका था जिससे वो सभी भलीभांति परिचित हो चुके थे। 


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