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Bhawna Kukreti Pandey

Tragedy

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Bhawna Kukreti Pandey

Tragedy

अनफॉलो

अनफॉलो

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      आज पता चला है कि ओफ्फिशियली बीमारी की शुरुआत हो चुकी है। पतिदेव अभी भी हार मानने को तैयार नहीं,बेटा कुछ जानता नहीं सो ऑनलाइन क्लास के टास्क में बिजी है। मैं अपने रूम में बैठी, इस राइटिंग को डायरेक्ट स्टोरी मिरर पर पोस्ट करने से पहले एडिट कर रही हूँ।

अजीब हूँ न ! इतनी बड़ी बात ..लेकिन लिखने को प्रायोरिटी। ये अक्सर कहते भी हैं,"तुम्हारी सोच और प्रतिक्रिया किसी नार्मल इंसान सी नहीं होती।"
ये अब लग भी रहा है। एक समय केंसर का मिस डायग्नोज़ हुआ तब लगा था उम्र ,जिंदगी को इतनी जल्दी अनफॉलो कैसे  कर सकती है, अभी तो अपने हिसाब से जीना शुरू किया था।

  कितना बेचैन हो गयी थी एक पल में यहां फोन वहां फोन, एक रात में यहां जाना वहां जाना ,टोटल अफरातफरी और आज... ! शायद अंदाज था कि देर सवेर होगा ही पर इतनी जल्दी...इस बात ने थोड़ा..

9:30 am
आज सुबह से ऑफर तफरी मची थी। कोरोना से दो -दो बार बच के निकल आने की खुशी काफूर हो चुकी है। कई महीनों से आंखों का नंबर बार-बार बदल रहा था। चलते-चलते गिरना अब छह महीने से घट कर दो महीने की फ्रेक्वेंसी पर आ गया है। खाते समय अब चोकिंग भी होने लगी है।हेयर लोस्स रोके नहीं रुक रहा, बालों में ग्रे शेड जैसे स्पीड पकड़ चुका है। मेमोरी लॉस का तो कहना ही क्या।

"सुनो मुझे न्यूरो को दिखवा दो" मेरी इस रट से परेशान हो कर फाइनली आज सुबह हमारा नंबर आया है। देहरादून में डॉक्टर गोयल न्यूरो के जाने माने विशेषज्ञ का नाम सुना था,सो उन्ही से परामर्श लेना चुना गया। धीमी मौत के बारे में कन्फर्म करने के लिए हम कितने टॉप से शुरुआत कर रहे हैं। जहां शुरू में ही मुहर लगनी है कि " स्पीड गेन के बाद मिनिमम 7 साल और मैक्स ..किस्मत जितना समय दे, जी सकते है।"

10:45am
अजीब सी हालत, हंसी भी आ रही है।और इनका टेन्स चेहरा देख कर दिल निचुड़ भी रहा है।जीवन मे, मोह को इसलिए दुख की जड़ कहा गया है। बेटा पैसेफिक मॉल में कुछ खरीदारी करना चाहता है। वो इस साल हमारी शादी की सालगिरह को यादगार बनाना चाहता है।नए जमाने का बच्चा है, माँ-पापा के बीच रोमांटिक होना चाहिए "एनिवर्सरी सेलेब्रेशन।" उसी धुन में बड़बड़ा रहा है "कितनी देर लगाते हैं ये डॉक्टर्स भी।"

11:17 am
रूम में गयी थी ।डॉक्टर ने मेरी आँखों के आगे उनकी उंगली पर फोकस करने को कहा और उसे अप-डाउन, लेफ्ट-राइट किया।फिर घुटनो पर एक छोटी सी रबड़ की हथौड़ी से मारा।और मुझे बाहर भेज दिया ।अब ये अंदर गए हैं।बेटा पूछ रहा है कि मां आज बाहर ही खा लें।उसे के एफ सी से फुल बकेट लेनी है। मेरे कान लेकिन उस रूम की तरफ लगे हैं जहां डॉक्टर इनसे बात कर रहे है।

3:25 pm
अभी व्हाट्सएप्प पर सबसे वीडियो काल पर बात हुई है। सब नार्मल दिखने की कोशिश कर रहे हैं। यहां की mri में डिजीज ऑन सेट दिख रहा है। ये दिल्ली जाकर एक बार एम्स में कंसल्ट करना चाहते हैं। सोच रही हूँ मना कर दूं।बेकार में दौड़ भाग , 2% हेरिडिटरी होता है और मेरे साथ तो हमेशा वही होता है जो सोचा भी न गया हो सो आना वही है। "गॉड्स फेवरेट चाइल्ड" ख़ैर, ये दवाइयां लेने काउंटर पर गए हैं।

3:46pm
एक पेशेट अभी आयी है, लास्ट स्टेज पर है। उसकी गर्दन पीछे बार बार लटक जा रही है।उसे व्हील चेयर पर स्ट्राप से बांध कर सीधा बैठाने की कोशिश है। उसके साथ उसकी बेटी है शायद बार बार उसकी गर्दन को सहारा दे कर सीधा रखने की कोशिश में है। गले पर ट्रेकियोस्टोमी हुई है। मेरा बेटा अभी भी हर बात से अनजान है। लेकिन उसके चेहरे पर उस महिला के लिए दर्द साफ दिखाई दे रहा है। ये, उसके बेटों से बात कर रहे हैं।बहुत गम्भीर दिख रहे हैं। वे लोग मेरी ओर देख कर इनको कुछ कह रहे है।

6:10pm
घर आने वाला है, ये जल्दी आपा नहीं खोते लेकिन अभी अभी एक ई रिक्शा वाले को बुरी तरह झाड़ लगा दी है। गलत ओवरटेक कर रहा था।अमूमन ये कुछ कहते नहीं पर आज वजह मैं हूँ।


6:30
बिल्डिंग में अपना लॉक लगा कर सेकंड फ्लोर वाले कहीं चले गए है। फोन पर 10 मिनट में आने का बताया है। ये मजाक करने की कोशिश कर रहे थे "यार माना रेयर हो पर ये रेयर क्यों बुला ली!", बेटा मुंह फूला कर वीडियो गेम में घुसा हुआ बोला" माँ रेयरेस्ट ऑफ रेयर है पर आप समझते ही नहीं।" उसे नाराजगी है कि उसके प्लान को पापा ने एक्सीक्यूट होने से पहले ही डंप कर दिया। सीधे घर चले आये।

7:18pm
आज खाना बाहर से है। मैं खाली बैठी हूँ। पुराने गीत लगा दिए हैं। बेटा, टास्क कर रहा है। ये अपनी रिपोर्ट तैयार करने में लगे हैं। बड़े दिनों बाद आज मन कर रहा है अपने पेज पर मैसेंजर ऑन करने का, सबसे बात करने का।

7:32 pm
बेटे को पसंद नहीं कि मैं किसी को भी अपने पेज या किसी साइट पर फॉलो करूं। अजीब है वो भी ... मेरी तरह । फिर भी ग्रेटफुल और थैंकफुल हूँ कि लोग मुझे "स्नोबिश" नहीं समझते , पेज फॉलो करते हैं, लिखा पढ़ कर कमेंट करते हैं। लेकिन आज बहुत कम लोग ऑनलाइन दिख रहे हैं।

7:50 pm
तो स्टोरी मिरर पर 2 और मेरे पेज पर 7 फॉलोवर कम हो गए है । लेकिन अभी कुछ दिन पहले ही तो एक दोस्त ने कहा था कि आपके बहुत फॉलोवर है! शायद बोरिंग लिखने लगी हूँ। ऐसा है तो अब कम पर अच्छा लिखूँगी।लोग अच्छा पढ़ना चाहते हैं न कि ...कुछ भी ।और अगर ऐसा नहीं है तो ठीक ही है, लाइफ भी तो हमको अनफॉलो करने पर तुली है।

वैसे क्या कोइनसिडेंस है ! फिजिकल लाइफ और वर्चुअल लाइफ पैरेलल चल रही है!



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