आत्मविश्वास

आत्मविश्वास

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"माँ मैं ये नहीं कर पाऊँगा, ऐसा लग रहा है मैं इस बार परीक्षा में पास नही हो पाऊंगा। "

बेटे के मुख से ऐसे वाक्य सुन शैलजा चौंकी, कहीं कुछ गड़बड़ है, हमेशा उसका बेटा अथर्व पढ़ाई में अच्छा रहा, समय से अपना होम वर्क पूरा करना और साल भर नियमित रूप से स्कूल अटेंड करना हर टेस्ट में सबसे ज्यादा नम्बर उसी के आते हैं क्लास में। परीक्षा में भी क्लास में उसकी पोजीशन फर्स्ट ही रही आज अचानक उसके मुख से ऐसी बात सुनकर शैलजा भी घबरा गई पर अपने आप पर नियंत्रण रखते हुए बहुत प्यार से उसने पूछा "बेटा ऐसा क्यों कह रहे हो तुम, कहीं कोई परेशानी हो तो मुझे बताओ। "

पहले तो वह बता नही रह था पर बहुत बार माँ के कहने पर उसने बताया कि आजकल स्कूल में एक नए टीचर आये हैं, जो हमें मैथ्स पढ़ा रहे हैं, कहीं कुछ ना समझ आने पर दुबारा बताते भी नहीं उल्टा हमारा मज़ाक बनाते हैं कि "तुम लोग आठवीं क्लास कैसे पहुँच गए, तुम लोगो को कुछ समझ नही आता है।"

शैलजा ने बेटे को पुस्तक निकालने को कहा और स्वयम उसे समझाने बैठ गई, वह स्वयं एम एस सी मैथ्स है।जॉब उसने छोड़ दी थी अथर्व के होने के बाद। 

लेकिन दो तीन दिन में ही उसे समझ आने लगा कि लगातार टीचर द्वारा प्रताड़ित करने पर वह अपना आत्मविश्वास खो रहा है और अब उस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। स्कूल में भी प्रिंसिपल से मिलना चाहिए जाकर।

क्योंकि बाकी बच्चों का भी सवाल है।

अगले दिन उसने स्कूल जाकर प्रिंसीपल को सारी बात की जानकारी दी साथ ही उस टीचर से भी मुलाकात की और उनके समक्ष अपनी बात रखी।

" सर आप लोगों के ऊपर हमारे बच्चों का भविष्य निर्भर है, आप यदि बच्चों को बात बेबात प्रताड़ित करेंगे तो दिन पर दिन उनका आत्मविश्वास कम होता जाएगा "

टीचर ने पहले तो अपनी गलती नही मानी पर जब शैलजा ने अपने बच्चे की मानसिक अवस्था की जानकारी उन्हें दी तब वे थोड़ा नरम हुए। 

शैलजा ने कहा "आपको इन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनाना है सर, बच्चे ने अपनी प्रतिभा को यदि स्वयम कम आंकना शुरू किया तो उसका आत्मविश्वास तो लगातार गिरता जाएगा, ऐसी स्थिति में उसका मानासिक स्तर भी कमजोर हो जाएगा, आपकी छवि भी खराब होगी इससे प्रिंसिपल भी शैलजा की बातों से सहमत हुए, टीचर ने स्वयम का व्यवहार बदलने का वादा किया।और बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की बात कही।

उसके बाद सप्ताह भर तक वह अथर्व की स्कूल की गतिविधियों पर नज़र रखती रही, आज शैलजा को स्कूल में अथर्व की रिपोर्ट देख ऐसा महसूस हुआ कि, उसने अपने बच्चे का आत्मविश्वास खोने से पहले उसको सम्भाल लिया। उसे बहुत खुशी महसूस हो रही थी।


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