Madhavi Solanki

Tragedy

4.5  

Madhavi Solanki

Tragedy

आशा की किरण है :" परिवार "...

आशा की किरण है :" परिवार "...

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कैसे भूल सकती हूं मैं वो साल जिसने मेरी जिन्दगी बदल दी थी , जिसने मुझे गम मैं डुबा दिया था , सबका गुनहगार बना दिया था और वजह मेरी गलतियां थी। सिर्फ़ मेरी जिन्दगी ही नहीं मेरे परिवार की जिन्दगी गम मैं बीत रही थी, एक तूफ़ान सा ला दिया था मेरी गलतियों ने एक छोटे से खुशहाल परिवार में , सब लोग ख़ामोश हों गए थे , सबकी नजरें झुका दी थीं और उसकी वजह मैं बनी थी । जो परिवार हरोज कई मुसीबतो का सामना करके अपनी जिंदगी बिता रहा था , कैसे वो लड़ रहै थे सारी मुशीबतो से लेकिन फिर भी वो खुश थे एक दूसरे के साथ , क्योंकि सब एकजुट हो कर जिन्दगी नवीन बना रहै थे, लेकिन मेरी गलतियों ने उन्है हैरान कर दिया था , परेशान कर दिया था ...

मैं हूं मधुरिमा । ये है मेरी कहानी या फिर कह सकते है मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी गलतियां !! जिसने मुझे नई ज़िंदगी दी, मुझे परिवार का मतलब समझाया, मेरी गलतियों का अहसास दिलाया, मुझे फिर नई ज़िंदगी दी , नई उम्मीदें दी ...

बहोत खुशनसीब थी मैं एक छोटे से परिवार की पहली ओर लाड़ली बेटी थी मैं , बहोत प्यार करते थे सब मुझ से आज भी करते हैं , बचपन से ही सब ने मेरी जरूरत का ख्याल रखा , सब मुझ से अपनी बचपन की यादें साझा करते है तब मुझे अहसास होता की उस वक्त की रानी की तरह सबने मुझे प्यार दिया था , दिन बीतते गए ओर मेरी पढ़ाई के दिन आ गए , कुछ साल पढ़ाई करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए मुझे दूर जाना पड़ा ,लेकिन तब भी मेरा मेरे परिवार से प्यार बढ़ता रहा , हर छुट्टी के दिन मेरे mom और dad मुझ से मिलने आते रहते , मेरी जरूरतों का ख्याल रखा , घर मे पैसे की कमी होने के बावजूद कभी उन्होंने मुझे इनकार नही किया किसी चीज के लिए , ऐसे ही खुशियों के साथ दिन ओर बीतने लगे , आज वो दिन आ गया जब मेरी मर्ज़ी के साथ मेरी शादी कर दी गई । मैं अपने नए परिवार मैं अपना कदम रखा , परिवार बाहोत अच्छा था इसलिए मेरी आगे की पढ़ाई चलने लगी , हररोज मैं कॉलेज जाने लगीं ।

कहते है की छोटी उम्र मैं सबसे गलती होती है ओर प्यार में भी , हम क्या कर रहे है हमे कुछ समझ मैं नहीं आता , क्या सही है , क्या गलत है , आखों के सामने एक पर्दा सा छा जाता है जिसके पीछे सब हमे अच्छा लगता है लेकिन जो सच्चाई की दुनियां में हमारी गलतियां होती हैं । वो गलती मैने भी कर दी , मैने भी किसी से प्यार किया , पहले से शादीशुदा होने के बावजूद , जो मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी गलती साबित हुई । एक दिन ऐसा भी आया जब मैने अपने खुशहाल दो परिवार ओर अपनी प्यारी बेटी को छोड़ कर , सबको अलबिदा कह कर अपने प्यार के पास चली गई , दो दिन हो गई थे मुझे सब छोड़े हुए , क्या सपने देखे थे मैने आने वाली ज़िंदगी के लिए , मैं अब तक अंजान थी मेरी नर्क से भी बकवास ज़िंदगी से , जो घंटे मैने जहां बिताए , उन सारे पलो ने मेरी आंखे खोल दी, जिसे मैं अपना प्यार कह रही थी जिसके लिए मैने अपना खुशहाल परिवार , अच्छा घर , सबसे प्यारी जिंदगी छोड़ दी ,वो तो गुंडा निकला , धोखेबाज़ निकला , वो तो अच्छे होने का दिखावा करके , अच्छे सपने दिखा कर अपनी बातों के ज़रिए अच्छी और अमीर लड़कियों को अपने जाल मैं फसाता था , वो पहले शादीशुदा था उसकी बच्चे भी थे , लेकिन अब क्या हो सकता था , गलतियां तो मुझ से हो गई थीं , वक्त बीत चुका था । 

लेकिन कहते है ना जब आपका परिवार आपसे बहोत प्यार करता हो और आपके साथ हो तो कोई आपका कुछ नही बिगाड सकता , तो फिर क्या था मेरे परिवार ने मेरे मॉम डैड ने अपनी जान लगा दी मुझे खोज ने में , आखिर सारी मुश्किल का सामना करके दो दिन मैं वो कामियाब हो गई , हमारी मुलाकात हुईं , बहोत गुस्से मैं थे वो , नाराज़ भी थे हो ने भी चाहिए क्योंकि कभी माफ ना करने वाली गलती जो मैं ने की थी , हाथ भी उठा दिया उन्होंने मुझ पर , लेकिन एक प्यार भी था उनकी आखों में , आँसू भी थे मेरे हालत देख के , एक डर भी नजर आ रहा था । तब मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था कि क्या करू ? क्योंकि परिस्थिति से सामना करने की हिम्मत नही थीं । लेकिन मेरा परिवार जानता था कि मैं उस नर्क मैं हूं जहां मेरी जिंदगी मौत से भी खौफनाक है , इसलिए मेरे डैड ने पलभर का भी इंतजार किए बिना , सबसे पहले मुझे अपने साथ अपने घर मैं पनाह दी , उन्होंने सबके ताने सुने , ये भी नही सोचा कि समाज क्या कहेगा , सब कैसा व्वयहार करेगे हमारे साथ ? , दूसरे बच्चो पर उसका क्या प्रभाव पड़ेगा ? , उन्होंने सिर्फ मेरे जिंदगी की परवाह की !!!

मुझे अपना कर मुझे नई जिंदगी दी , नई राह दिखाई , कुछ दिनों तक तो मुझे परिवार शैतान सा लग रहा था , क्योंकि मैं हकीकत से अंजान थी, मुझे सिर्फ़ मेरा प्यार दिखाई दे रहा था , दिन बीतते गए अब मेरी मुलाकात मेरी गलतियों से होने लगी थीं , मुझे अहसास होने लगा था मेरी गलतियों का , सब लोग मुझे पहले जैसा खुश करने की तरकीबे आजमाने लगे थे , पहले जैसे जरूरतों का ख्याल रख ले लगे थे , किसी ने एक बार भी मेरी गलतियों का जिक्र नही किया , मुझे सब माफ करने लगे , दिन और बीतने लगे कभी कभी ये भी सपने आने लगी की जो मैं उस नर्क मैं होती तो शायद आज मैं जिंदा ना होती , तब जाना एक नई जिंदगी मुझे ,मेरे परिवार ने दी ...।


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