Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win

Sneha Dhanodkar

Drama Inspirational

2  

Sneha Dhanodkar

Drama Inspirational

आपको क्या आता है ?

आपको क्या आता है ?

3 mins
231


सुबह से घर में चहल पहल थी। नाना नानी, मौसी, काका, मामा सारा परिवार जमा था और उसे तरह तरह के निर्देश दिये जा रहा था। नेहा अपने घर की एकलौती लड़की थी। एलएलऍम पास कर प्रैक्टिस कर रही थी। हर काम में परफेक्ट, सुन्दर, सुशील और गुणी लड़की थी। आज उसे लड़के वाले देखने आने वाले थे। उसने रोनित की फोटो देखी थी और माँ पापा की पसंद से ही शादी करनी थी।

वो लोग चार बजे आने वाले थे, सब तैयारी हो चुकी थी। तीन बजने वाले थे तो मासी ने नेहा को बुलाया और उसे कहा बेटा डरना मत, जो लगे बोलना। और वो नेहा को तैयार करने में लग गयी। पीले रंग के अनारकली सूट में नेहा किसी परी से कम नहीं लगा रही थी।

सब लोग समय से आ गए थे। बड़ों की बातचीत के बाद नेहा को बुलाया गया। रोनित तो नेहा पर फ़िदा हो गया। बड़ों की रजामंदी से दोनों को गार्डन में बात करने भेज दिया। रोनित ही पहल कर बोला "आप मुझे पसंद हैं। आपको क्या क्या आता है?"

नेहा ने धीरे से शर्मा कर कहा, उसे सब आता है। रोनित अगला सवाल पूछता उससे पहले ही नेहा ने पूछ लिया "आपको क्या क्या आता है?"

रोनित इस सवाल के लिये तैयार नहीं था। उसने पूछा मतलब? नेहा बोली, "अरे जिस मतलब से आपने पूछा मुझे क्या क्या आता है वही। मैं भी आपसे पूछ रही हूँ।"

रोनित बोला," अरे मेरा मतलब तो खाना बनाना, घर का काम, डांस, संगीत सिलाई, कढ़ाई आदी से था वो माँ ने बोला था तो।"

नेहा बोली "मेरा भी मतलब इन्ही सब से है।"

रोनित जोर से हँसकर बोला "मज़ाक कर रही हो? उन सबसे मुझे क्या? मैं थोड़े ही ना ससुराल जा रहा हूँ, मुझे थोड़े ही घर संभालना है, वो तो आपको संभालना है ना।"

"हाँ, नेहा बोली, घर तो मुझे ही संभालना है। इसीलिए पूछ रही हूँ जिस आदमी का घर मैं संभालने वाली हूँ उसे घर क्या होता है ये मालूम भी है या नहीं।"

"मैं समझा नहीं।" रोनित बोला।

"मैं तो सब संभाल लूंगी पर कभी मुझे कुछ हो गया तो मेरे पति की ही जिम्मेदारी रहेगी ना सब संभालने की। पर अगर उसे कुछ आता ही नहीं होगा तो वो कैसे करेगा।" नेहा ने जैसे ही ये बोला रोनित ने अपनी गर्दन झुका ली।

नेहा समझ गयी कि उसे कुछ नहीं आता। वो चुपचाप उठ कर जाने लगी। रोनित बोला "रुकिए। माफ़ करना लेकिन मुझे सचमुच कुछ नहीं आता क्योंकि आज तक इस नज़रिये से कभी सोचा ही नहीं, ना कभी किसी ने बताया। पर आप अगर मेरी जीवन संगिनी बनने को हाँ कहेंगी तो वादा करता हूँ मैं आपसे सब सीख लूँगा और आपका हर समय में साथ दूँगा।"

नेहा कुछ ना बोली और अंदर चली गयी। रोनित बुझा से चेहरा लिये अंदर गया।

थोड़ी देर में मासी ने आकर सबको मिठाई खिलाई और रिश्ता पक्का किया, तब रोनित की ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं था।

आज वो ये तो समझ ही गया था कि आपको क्या क्या आता है ये सिर्फ लड़कियों से पूछने का प्रश्न नहीं होता। और कहे अनुसार उसने अपना वादा भी निभाया। आज दोनों मिल बाँट कर एक दूसरे का साथ देकर सुखी जीवन बिता रहे हैं।



Rate this content
Log in

More hindi story from Sneha Dhanodkar

Similar hindi story from Drama