आंधी
आंधी
अपने खेत मे लगे आम के वृक्षों को बौर से लदा देखकर ,आज रामसरन बहुत खुश है।उसे यकीन है,कि इस बार आम की फसल को बेचकर वो अपनी सारी परेशानियों को हल कर लेगा।क्योकि पिछले दो साल से सूखे के चलते उसके घर मे आई आर्थिक तंगी से ।उसकी बड़ी बेटी की शादी व उसकी माँ के मोतियाबिंद का ऑपरेशन बार बार टलता जा रहा था।उसने तय किया कि इस बार पैसे आने पर वो सबसे पहले अपनी माँ की आंख का ऑपरेशन ही करवाएगा।जिससे माँ खुद अपनी आंख से अपनी पोती के ब्याह देख सके।क्योकि अपनी पोती का रिश्ता बड़े घर में तय होने से ,सबसे अधिक खुश भी वही है।रामसरन एक पेड़ की छांव में बैठ मन मे अपनी ये सुखद कल्पनाएं ,संजो ही रहा था कि हवा के एक तेज झोंके ने उसे झकझोर कर दिया।उसने आंख खोलकर देखा उसे लगा कि अभी अभी आई इस आंधी ने आज उसकी सुंदर कल्पना ही नही बल्कि उसके साथ, बहुत कुछ तोड़ कर रख दिया है।