Gita Parihar

Inspirational

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आज के माहौल में सुरक्षा

आज के माहौल में सुरक्षा

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आज जब कोविड- 19 से व्यस्क, अधेड़ सभी तनावग्रस्त हैं, ऐसे समय में परिवार की सुरक्षा कैसे करें और बच्चों को तनाव दिए बिना कैसे समझाएं इस समय सफाई द्वारा ही अधिक से अधिक सुरक्षा संभव है?  

माता-पिता के तनाव का असर बच्चों पर भी पड़ता है।ऐसे में आवश्यक है कि हम बच्चों को तनावग्रस्त ना होने दें, और उन्हें आश्वस्त करें कि कोविड-19 से होने वाले खतरों से थोड़ी सावधानी बरत कर कैसे बचा जा सकता है।

समझदार उम्र के बच्चे समझ सकते हैं और हमारा अनुकरण कर सकते हैं।उन्हें बार- बार हाथ धोने की आवश्यकता के बारे में बताएं। यदि वे असामान्य थकावट महसूस करते हैं तो आपको बताएं।

सभी उम्र के बच्चों को भावनात्मक सुरक्षा की आवश्यकता होती है, किंतु 3 से 6 वर्ष के बच्चों को इसकी कुछ अधिक ही आवश्यकता होती है। वह अपने शरीर के असामान्य लक्षण भी बताने में सक्षम नहीं होता।अगर आप उससे उम्मीद रखें कि वह कि सांस लेने में तकलीफ जब वह खेल रहा होता है और कोविड-19 में में क्या अंतर है, यह बता सकेगा तो यह असंभव है।वह अपने मुंह में भी हाथ डाल लेगा, आसपास के सामान को छूकर अपने चेहरे पर भी हाथ लगाएगा और शायद हर बार हाथ धोना भी उसे याद न रहेगा। ऐसे में समझदार माता-पिता बच्चों को खेल- खेल में इस सावधानी को सिखा सकते हैं।छोटे-छोटे जिंगल्स बनाएं और उनके साथ गाएं, जिससे बच्चे को याद रहेगा कि उसे कब क्या करना है।क्योंकि बार-बार इसके टोका टाकी से बच्चा चिड़चिड़ा भी हो सकता है। इस उम्र के बच्चे पास- पड़ोस के अपने साथियों से खेलने जाने या मिलने की भी ज़िद करेंगे। ऐसे में उनके दोस्तों से उनकी वीडियो कॉलिंग करवा दें। सुघड़ माता-पिता बच्चों को ड्राइंग, कलरिंग,क्राफ्ट में व्यस्त रख सकते हैं।अगर छुट्टियों में बाहर घूमने का प्लान स्थगित कर दिया गया है तो बच्चों को उसकी आवश्यकता समझाएं और इनडोर स्विमिंपग, बोर्ड गेम्स, संगीत आदि में व्यस्त रखें। बच्चों को घर के छोटे-मोटे कामों में भी व्यस्त रख सकते हैं। प्रयास करें कि नियमित गतिविधियां जारी रहें जैसे समय से जागना, नहाना, खाना और सोना। अनुशासित और शांत माहौल बनाने के लिए परिवार साथ मिलकर कुछ पढ़ें, कुछ रचनात्मक कार्य करें, फिल्में देखें। इस बात का ख्याल रखें कि बच्चों का स्क्रीन टाइम कम हो।बारम्बार उन खबरों की चर्चा मत करें जो आपको भी चिंता में डालने वाली हों और बच्चों को भी चिंतित करें। 

संकट की स्थिति है तो इससे उबरने के उपाय भी आपको ही खोजने होंगे।



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