आदत
आदत
सुनो राजीव कुछ समझाओ न अपनी माँ को, घर में दो दो मेड के होते हुए भी। तुम्हारी माँ सारा दिन घर की सफाई में लगी रहती है।
मैं मना भी करती हूं तो बस मुस्कुराते हुए फिर वही सब करने लगती है। अब तुम ही बताओ सोसायटी की औरतें मेरे बारे में क्या सोचती होगी।
अपने कमरे में पति के सम्मुख आते ही, रचना एक सांस में यह सब कह गई।
उसकी बात पर कुछ पल विचार कर उसका पति फिर उससे बोला, रचना अभी कुछ दिन पहले घर में एक उत्सव पर। मैंने जब तुम्हें सूट की जगह साड़ी पहनने को कहा था।
तब तुमने मेरी बात को ये कहते हुए नकार दिया था कि सूट पहनना मेरी बीस साल पुरानी आदत है। और मैं अब इसे बदल नहीं सकती।
"तब फिर अपने घर की ये साफ सफाई, तो माँ पिछले चालीस साल से करती चली आ रही है।"
