Mitali Mishra

Inspirational Children

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Mitali Mishra

Inspirational Children

आभार

आभार

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अक्सर जब हम अपनी मंजिल को पा लेते है तो अपने उन लोगों को आभार जरूर प्रकट करते है जिन्होंने हमारे साथ हमारी मंजिल को पाने में सहायता किया हों। और इसी तरह आज मैंने भी जब अपना मुकाम पाया तो अपने संघर्ष के सफर में आए लोगों का अभिवादन कर रहा थी। मैंने दिल से सबका अभिनंदन किया अपने दोस्तों का, शिक्षकों का, अपने परिवार का यहां तक की मोबाइल और सोशल साइट्स का भी बस अगर कोई अभिवादन के लिए रह गया तो वो थी "मेरी मां"। सच पूछिए तो मां का आभार व्यक्त करना मैंने जरूरी नहीं समझा। और यकीन मानिए मां को भी बुरा नहीं लगा की मैंने आज सबका नाम लिया सिर्फ उनका नाम रह गया अभिवादन के लिए।

तो इसमें बुरा क्या है ऐसा तो होता ही है और होता आया है लोग अक्सर अनदेखा कर देते है मां के प्यार को, उनके त्याग को। जो आपकी छोटी छोटी खुशियों का ख्याल रखते हो, आपके दुख में मायूस होते हो, जिसकी दिन रात के मिन्नत से आप उन्नति को पाए हो, उसे तो बस हम उनका फर्ज समझते है। जैसे मैंने समझा, जी हां मुझे याद है मेरे जन्म से पूरे परिवार में अगर कोई खुश था तो वो मेरी मां थी। उन्होंने अपने सपने को मेरे लिए छोड़ दिया ताकि मेरे परवरिश में कोई कमी नहीं ना रह जाए। मेरे सपने को उन्होंने अपना माना और मेरे सफलता के संघर्ष में हमेशा मेरा साथ दिया। आज इतने बरसों बाद जब मुझे इस बात का आभास हुआ तो मेरा मन व्यथित हो उठा। उनका त्याग, उनका समर्पण, उनका प्यार अनमोल है। मुझे लगता था की मेरी सफलता मेरे मेहनत से मिली जबकि ऐसा नहीं है आज पता चला की मेरे सफलता की बीज तो मां ने बचपन से ही बोया और वक्त के साथ वो आज फल देना शुरू किया। और मैं मूर्ख अपने फल को अपना गुमान मान ली।

एक इंसान के सफलता के पीछे बहुत से लोगों का हाथ होता है। परंतु उन हाथों में जो एक हाथ हमेशा आपके साथ रहता है वो मां का होता है। मेरे जीवन का सारा श्रेय मेरी मां को जाता है।



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