(3)ले चलिए बाबा अम्मा को
(3)ले चलिए बाबा अम्मा को
पर ज़ब चौदहवीं के बाद केतन और चेतन दोनों वापिस जाने की तैयारी करने लगे तो काव्या को बहुत आश्चर्य हुआ कि दोनों में से किसी ने भी ना तो बाबुजी को साथ ले जाने की बात की और ना ही उनके पास कुछ दिन और रुकना चाहा।
ज़ब दोनों भाई गंभीर मुखमुद्रा लेकर चले गए।वह भी ऊपर से दुखी दिखने का नाटक भर था।अब काव्या की चिंता बढ़ गई।उसके पति अद्विक भी जाने को हुए तो उस रात दोनों पति पत्नी देर तक बात करते रहे।वैसे अद्विक के दफ्तर से फोन पे फोन आ रहे थे सो उनका जाना तो ज़रूरी था ही।दोनों बच्चों के स्कूल भी खुल गए थे।सो तय हुआ कि काव्या अभी कुछ दिन और यहाँ रहेगी और अपनी छुट्टी बढ़वा लेगी।
इस बीच यहाँ की उचित व्यवस्था करके बाबुजी को मनाकर अपने साथ लेकर आएगी।पूरी बातचीत के बात अद्विक ने एक बात के लिए काव्या को आगाह करते हुए क
"काव्या! एक बार दोनों भैया के कान में यह बात डाल दो कि बाबुजी हमारे साथ चल रहे हैं। कहीं बाद में कुछ ना बोलें!"
काव्या ने थोड़ा चुहल करते हुए कहा,
"क्यों... क्या तुम उनके बेटे नहीं हो? दामाद भी तो बेटा ही होता है !"
अद्विक ने थोड़ा गंभीर होते हुए कहा,
"वो ठीक है काव्या ! पर हमारे समाज की मानसिकता ऐसी है कि ससुर अगर दामाद के घर जाकर रहे तो सौ तरह की किंवदंतियाँ होती हैं और इस रिश्ते को सहज़ नहीं रहने देती !"
अद्विक की बातें सुनकर काव्या भी थोड़ी गंभीर हो गई और दोनों भैया को बारी बारी से फोन लगाया। उनका नकारात्मक उत्तर सुनकर वह बहुत आहत हो गई।
बड़े भैया केतन को बाबुजी के लिए पूछा तो वह कुछ कहते उसके पहले ही फोन उमा भाभी ने ले लिया और कहने लगी,
"हम तो बाबुजी को अपने साथ ले आते पर यहाँ मुंबई में उनका मन लगेगा नहीं। ऊपर से तुम्हारे भैया इतने बीमार रहते हैं कि खुद को तो संभाल नहीं सकते,फिर बाबुजी की देखभाल कैसे करेंगे ? बाबुजी अभी वहीं रहें तो अच्छा है !"
उनकी आवाज़ बहुत रूखी सी थी। ज़ब काव्या ने कहा कि,
"मैं और अद्विक बाबुजी को अपने साथ ले जा रहें हैं क्योंकि वह अभी एकदम टूट गए हैँ !"
तो..... इतना सुनते ही उमा भाभी का टोन बदल गया।आवाज़ को भरसक मीठी बनाकर बोलीं,
"हाँ !काव्या यही ठीक रहेगा!"
बड़े भैया और भाभी से तो बात हो गई।लेकिन फिर भी काव्या के मन में था कि शायद छोटे भैया का मन इनसे थोड़ा अलग है। उनमें भावनाएं थोड़ी सी ज्यादा है।इसलिए काव्या को लगा कि अब छोटे भैया से पूछ लेना भी सही रहेगा। वैसे भी छोटे भैया थोड़े से मुलायम तबीयत के थे।
और ... शायद छोटे भैया बाबा को अपने साथ ले जाना चाहें...तो ऐसे में उनसे पूछ लेना भी सही रहेगा।
उसके बाद...
क्रमशः