ज़माने भर को खबर कर दो ,
मेरा दिलदार फिर से आया है ,
मेरे मुरझाए से चेहरे पर ,
कितनी खुशियाँ लाया है |
मैं यूँही रूठ बैठी थी उससे ,
वो अब भी कसमसाया है ,
मुझे उसकी दीवानगी का ,
रँग फिर से भाया है |
वो चोरी से मुझे बुलाये ,
मुझे उसपर यकीन आया है ,
जाने दूँगी उसे फिर दोबारा ,
ये इश्क बस एक माया है |
उसके बिना मैं थी अधूरी ,
उसके आने पर ये पाया है ,
अब मिलन होगा अकेले ,
ये सोच दिल घबराया है |
इश्क ~ए ~लहू रगों में दौड़ रहा ,
जिसमे वो पूरा समाया है ,
ज़माने भर को खबर कर दो ,
मेरा दिलदार फिर से आया है ||