ज़िन्दगी
ज़िन्दगी


क्षणभंगुर हैं सभी कुछ तो !
कल था, आज नहीं
आज है, कल नहीं।
साँसें चल रही हैं तो ज़िंदा हैं,
ज़िंदा हैं तो ज़िन्दगी है,
और ज़िन्दगी है, तभी हैं
सारी भावनाएँ -
राग-अनुराग,
हास्य-रुदन,
प्रेम-घृणा,
मित्रता-शत्रुता।
थम जा ऐ मुसाफिर,
भाग मत,
थोड़ा दम तो ले।
लग ले गले,
हँस ले साथ दो घड़ी,
कर लेने दे मन को नर्तन।